सांकेतिक फोटो, ( सो.सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया है। मस्तुंग जिले में हथियारों और रॉकेट से लैस आतंकियों ने पहले एक पुलिस स्टेशन पर हमला बोला और फिर दो बैंकों में आग लगा दी। इस हमले में एक नाबालिग की मौत हो गई, जबकि कम से कम 9 लोग घायल हुए हैं।
सरकारी अफसर जान मोहम्मद के मुताबिक, हमलावरों ने घटनास्थल पर मौजूद आम नागरिकों को भी नहीं बख्शा और अंधाधुंध फायरिंग की। इस गोलीबारी में एक लड़के की जान चली गई। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में कुछ आतंकवादी भी मारे गए हैं। पुलिस का कहना है कि इलाके में स्थिति को काबू में करने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
प्रांतीय प्रशासन के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने जानकारी दी कि हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक की सुई प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की ओर जा रही है। रिंद के अनुसार, बीएलए अक्सर बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में सुरक्षा बलों के साथ-साथ आम नागरिकों को निशाना बनाती रही है।
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अमेरिका ने वर्ष 2019 में बीएलए को एक आतंकी संगठन करार दिया था। बलूचिस्तान लम्बे समय से अलगाववादियों की हिंसक गतिविधियों का केंद्र रहा है, जो पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। यह क्षेत्र पाकिस्तानी तालिबान और इस्लामिक स्टेट से जुड़े चरमपंथियों की सक्रियता के लिए भी जाना जाता है।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और देश के कुल भूभाग का लगभग 46% हिस्सा घेरता है। हालांकि, यहां की आबादी महज 1.5 करोड़ है, जो पाकिस्तान की कुल जनसंख्या का सिर्फ 6% है। इस क्षेत्र की सामाजिक दशा अत्यंत दयनीय है, जहां लगभग 70% लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। बलूच समुदाय को लंबे समय से भेदभाव और उपेक्षा का सामना करना पड़ा है, विशेषकर पंजाबी बहुल मुस्लिम समुदाय के द्वारा। पाकिस्तानी सेना के उच्च पदों पर बलूच लोगों को शायद ही कभी प्रतिनिधित्व मिलता है।