कनाडा में खालिस्तानियों ने दी कार्नी सरकार को खुली चेतावनी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Canada hindi film Ban: कनाडा की सरकार बिश्नोई सिंडिकेट को दबाने में लगी है, लेकिन लगता है खालिस्तानियों ने पूरी तरह कब्जा कर लिया है। हाल ही में ओंटारियो के दो सिनेमाघरों में खालिस्तानी आतंकवादियों ने हिंदी फिल्मों के प्रीमियर में दहशत फैलाने की कोशिश की। 2 अक्टूबर और 25 सितंबर को हुई इन घटनाओं में उन्होंने फायरिंग की और आग लगाने की कोशिश की, जिसके कारण थिएटरों ने हिंदी फिल्में दिखाना बंद कर दी हैं।
आतंकवादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने कनाडा की करनी सरकार को एक बार फिर साफ़ और गंभीर धमकी दी है। संगठन ने कहा है कि अगर कनाडा में सभी ‘मेड इन इंडिया’ फिल्मों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस धमकी से यह साफ़ दिखाई देता है कि कनाडा में खालिस्तान का आतंक खुले तौर पर फैल रहा है, और यह केवल धमकियों तक सीमित नहीं है।
हालांकि, कनाडा की पुलिस बिश्नोई गैंग का लगातार पीछा कर रही है, लेकिन खालिस्तानियों की इस सक्रियता और उनके द्वारा फैलाए जा रहे डर से ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस अभी भी इस खतरे के पूरे दायरे से असामान्य रूप से अनजान बनी हुई है।
पहली घटना में, 25 सितंबर को सुबह 5:30 बजे, दो नकाबपोश और काले कपड़े पहने संदिग्धों ने थिएटर के प्रवेश द्वार पर लाल गैस के डिब्बों में रखे ज्वलनशील तरल से आग लगाने की कोशिश की। खालिस्तानी तत्वों द्वारा जारी की गई सीसीटीवी फुटेज में यह दृश्य कैद हुआ। हालांकि, आग फैलने से पहले ही इसे नियंत्रित कर लिया गया, जिससे केवल मामूली नुकसान हुआ। इसके बाद, 2 अक्टूबर को लगभग 1:50 बजे, एक संदिग्ध ने सिनेमा हॉल के बाहर हिंदी फिल्म के प्रीमियर के दौरान गोली चलाकर भीड़ को डराने की कोशिश की। स्थानीय पुलिस ने केवल संदिग्ध का वर्णन जारी किया है, लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
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हाल्टन की स्थानीय पुलिस ने बताया कि वे इन दोनों घटनाओं को लक्षित हमले के रूप में जांच रहे हैं। थिएटर के सीईओ जेफ नॉल ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने दक्षिण एशियाई फिल्मों की स्क्रीनिंग रोक दी है। उन्होंने कहा कि इसमें भारतीय फिल्में ‘कांतारा: ए लीजेंड चैप्टर 1’ और ‘दे कॉल हिम ओजी’ शामिल थीं।