तस्वीर में जो बाइडन और शहबाज शरीफ
वाशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है। उसने प्रतिबंधों की एक नई वेव की घोषणा की है। इसमें पाकिस्तानी सरकार के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय विकास परिसर (NDC) और उससे जुड़ी कराची स्थित 3 कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने खुलासा किया कि प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत जारी किए गए थे।
इसका उद्देश्य सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और उन्हें बांटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी पर अंकुश लगाना था। एनडीसी मिसाइल विकास में केंद्रीय भूमिका निभाता है। पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु बम हैं। कंपनी से जुड़ी कोई भी संपत्ति अमेरिका में है तो प्रतिबंधों के जरिए इसे जब्त करने का अधिकार है।
विदेश की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
इसके अलावा यह अमेरिकी नागरिकों और व्यवसायों को उनके साथ जुड़ने से भी रोकता है। अमेरिकी विदेश विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पाकिस्तान के लंबी दूरी के मिसाइल विकास के लगातार कोशिश के खतरे में है। जिसे देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका कार्यकारी आदेश (E.O) 13382 के मुताबिक, प्रतिबंधों के लिए चार संस्थाओं को नामित कर रहा है। जो सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके डिलीवरी के प्रसारकों को टार्गेट करता है।
खतरनाक मिसाइलें बना रहा पाकिस्तान
एनडीसी का मुख्यालय इस्लामाबाद में है। अमेरिकी विदेश विभाग की फैक्टशीट के अनुसार एनडीसी पाकिस्तान के मिसाइल डेवलपमेंट से जुड़े प्रयासों में केंद्रीय भूमिका निभाता है. यह सक्रिय रूप से देश की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के लिए घटकों की तलाश कर रहा है, जिसमें शाहीन सीरीज की मिसाइलें भी शामिल हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
पाकिस्तान के पास 170 परमाणु बम
पाकिस्तान के हथियार भंडार में अब लगभग 170 परमाणु बम हैं। पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। पाकिस्तान परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौते से बाहर है। प्रतिबंधों में 3 निजी कंपनियों-एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइज शामिल हैं। इन पर एनडीसी के मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण हासिल करने में मदद का आरोप है।