
असीम मुनीर, पाकिस्तान के आर्मी चीफ, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
Pakistan Army Chief to be appointed CDF: पाकिस्तान की राजनीति और सेना के बीच शक्ति-संतुलन को लेकर एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार ने संसद में एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है, जिसके तहत मौजूदा सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को एक नई और शक्तिशाली पदवी चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) दी जाएगी।
इस विधेयक का सबसे बड़ा पहलू यह है कि यह भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की सीडीएस (Chief of Defence Staff) प्रणाली से प्रेरित बताया जा रहा है। पाकिस्तान की सरकार का दावा है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के एकीकरण के लिए है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह सेना को और ज्यादा राजनीतिक शक्ति देने का रास्ता है।
पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन प्रस्तावित है, जिससे सेना प्रमुख की भूमिका को और ऊंचा किया जा सके। संशोधन के बाद मौजूदा आर्मी चीफ को ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ (CDF) का अतिरिक्त दर्जा मिलेगा। इसका अर्थ है कि पाकिस्तानी सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों का सर्वोच्च नियंत्रण अब एक ही पद पर केंद्रित होगा। यह बिल्कुल भारत के सीडीएस मॉडल जैसा ढांचा होगा।
🚨 Damn 🪖🇵🇰… Proposed amendments to Article 243: 📍The aK CoAS will also hold the title of ‘Chief of Defence Forces’ 📍A Field Marshal will retain the uniform for life and can be removed only through impeachment. 📍The govt will define the roles and responsibilities of a… https://t.co/skDGuDWYgT pic.twitter.com/O5qKgo1eLA — OsintTV 📺 (@OsintTV) November 8, 2025
इस पद के तहत, सीडीएफ को रक्षा नीतियों, तीनों सेनाओं के समन्वय और रणनीतिक निर्णयों पर अंतिम अधिकार प्राप्त होगा। साथ ही, सरकार की रक्षा समिति और सुरक्षा परिषद में भी उनकी निर्णायक भूमिका रहेगी। इससे प्रधानमंत्री की सैन्य मामलों में निर्भरता और बढ़ जाएगी।
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सबसे चौंकाने वाला बिंदु यह है कि विधेयक में फील्ड मार्शल की उपाधि को जीवनभर कायम रखने का भी प्रावधान है। इसका मतलब है कि जनरल असीम मुनीर जीवनभर फील्ड मार्शल बने रहेंगे। वे हमेशा वर्दी पहन सकेंगे और उन्हें केवल महाभियोग के माध्यम से ही हटाया जा सकेगा। साथ ही, उन्हें कानूनी प्रतिरक्षा (legal immunity) भी प्राप्त होगी।






