पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष
इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक बार फिर बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने गुरुवार को टैंक से अफगानिस्तान में बनी नई सैन्य चौकियों पर हमला किया।
दोनों देशों के बीच गुरुवार की सुबह गोलीबारी हुई, जो बाद में कुछ देर चलने के बाद थम गई। लेकिन दोपहर 4:30 मिनट पर दोनों के बीच झड़पे फिर शुरू हो गईं। अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत के अंतरिम प्रशासन के अधिकारियों ने भी इस झड़प की पुष्टि की है।
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को अफगानिस्तान से झड़प के दौरान पाकिस्तान की सेना ने टैंक तैनात किए और अफगान सीमा पर बनीं चौकियों को भारी तोपखाने से निशाना बनाया गया। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच बॉर्डर पर नई चौकियां बनाने से विवाद खड़ा हुआ है।
अफगानिस्तान पर तालिबान का दोबारा कब्जा होने के बाद से ही पाकिस्तान के साथ सीमा को लेकर तनाव चल रहा है। पाकिस्तान और अफगान तालिबान कट्टर दुश्मन बन गए हैं। दोनों एक-दूसरेदूसरे के सैनिकों की मौत पर जश्न मनातेहैं। हालांकि 1979 के अफगान रूस युद्ध के दौरान पाकिस्तान तालिबान को बनाने में काफी मदद की थी। लेकिन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) बनने के बाद से ही दोनों में दरार आ गई है।
दरअसल, पाकिस्तान लंबे वक्त से आरोप लगाता आ रहा है कि अफगानिस्तान टीटीपी का समर्थन करता है और उसके लड़ाकों को छिपने के लिए शरण देता है। हालांकि तालिबान पाकिस्तान के इन आरोपों को नकारता आ रहा है। जिसके चलते दोनों के बीच आए दिन झड़प होती रहती है। साथ ही टीटीपी पाकिस्तान में उसकी फौजी चौकियों पर कब्जा जमा रहा है।
इसके अलावा डूरंड लाइन भी दोनों के बीच विवाद की एक बड़ी वजह है। डूरंड लाइन को अंग्रेजों ने 1893 में अफगान कबीलों से समझौते के बाद बनाया था। लेकिन तालिबान इस समझौते को मानने से इंकार करता है। वह इसे सीमा को अवैध मानते हैं और क्वेटा और पेशावर जैसे पाकिस्तान के प्रमुख शहरों पर अपना दावा ठोकते हैं। तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना बार-बार उनके इलाके में घुसपैठ कर रही है। वहीं, पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान और टीटीपी मिलकर उसकी सेना और चौकियों पर हमला कर रहे हैं।