विदेश मंत्री एस जयशंकर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
वांशिगटन: विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने बुधवार को बयान दिया कि भारत उन भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए तैयार है, जो विदेशों, खासकर अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं।
एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर भारत के सैद्धांतिक रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को भी अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत अवैध प्रवासियों की वापसी के मुद्दे को गंभीरता से लेता है और इसके समाधान के लिए तैयार है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने शपथ ग्रहण के दौरान कहा था कि देश में अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को वापस भेजा जाएगा। उन्होंने इसे अमेरिका की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए आवश्यक बताया। इसी संदर्भ में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि भारत अवैध प्रवास का कड़ा विरोध करता है क्योंकि यह न केवल देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है बल्कि कई अवैध गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है।
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एस जयशंकर ने अमेरिकी वीजा मिलने में हो रही देरी पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह समस्या दोनों देशों के रिश्तों के लिए सही संकेत नहीं है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘हमेशा हमारा यह दृष्टिकोण रहा है कि यदि हमारे नागरिक किसी देश में अवैध रूप से रह रहे हैं, और अगर हमें पक्का विश्वास है कि वे भारतीय नागरिक हैं, तो हम उनकी सुरक्षित और वैध वापसी के लिए तत्पर रहते हैं। इसलिए, यह अमेरिका के संदर्भ में कोई विशेष स्थिति नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर भारत की नीति स्पष्ट और सिद्धांत पर आधारित है।
उन्होंने ने आगे कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है। उन्होंने कहा, “हम अवैध प्रवासन का सख्त विरोध करते हैं, क्योंकि जब कुछ अवैध होता है, तो उससे जुड़ी कई अन्य अवैध गतिविधियाँ भी होती हैं। यह किसी भी देश की प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए, हम यह रुख सभी देशों के साथ अपनाते हैं, और अमेरिका भी इसका अपवाद नहीं है।”
एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक के दौरान अमेरिकी वीजा प्राप्त करने में लंबी प्रतीक्षा अवधि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैंने अमेरिकी सांसद मार्को रुबियो से यह बात साझा की कि अगर किसी को वीजा प्राप्त करने में 400 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़े, तो इससे द्विपक्षीय रिश्तों को फायदा नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि रुबियो ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया है।”