ईरान के रिवोल्य़ूशनरी गार्ड्स हैं इनकी बड़ी ताकत
तेहरान: इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों के साथ ही परमाणु केंद्रों पर हमला कर उन्हें निशाना बनाया है। हमले के बाद इजरायल के साथ ही ईरान ने भी अपने देश आपातकाल घोषित कर दिया है। ऐसे अब दोनों देशों के बीच बड़ा युद्ध होने की संभावना दिख रही है। ईरान ने इजरायल को इस हमले का जवाब देने की धमकी भी दे डाली है। ऐसे में ईरान अब एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के साथ इजरायल पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
इसस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ऐसा समूह है जो सीधे सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को रिपोर्ट करता है। यह समूह काफी सशक्त है और ईरान के मजबूत स्तंभ है। IRGC समूह के पास थल सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ करीब 1, 25,000 सैनिक मौजूद हैं।
ईरान का रिवोल्यूशनरी गार्ड्स देश का काफी सशक्त सैन्य बल ग्रुप है। यह ईरान की सैन्य ग्रुप की खुफिया शाखा है। कहा जाता है कि 1979 की इस्लामी क्रांति के ईरान ने इसे शिया मुस्लिम मौलवी शासन प्रणाली की सुरक्षा और सशस्त्र बलों को कंट्रोल करने के लिए बनाया गया था। खास बात ये है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ग्रुप को अमेरिका ने इस्लामिक आतंकी संगठन घोषित किया है।
ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की शाखा लेबनान से लेकर इराक, यमन और सीरिया तक पूरे मध्य पूर्व में अपने सहयोगी मिलिशिया से भी संबद्ध है। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी शाखा कुद्स फोर्स है। सीरिया के गृहयुद्ध में कुद्स फोर्स ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की तरफ से बड़ी जंंग में हिस्सा लिया था। कुद्स फोर्स ने हाल के वर्षों में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के विरुद्ध जंग में ईराकी फोर्स के मिलकर कार्रवाइयां की हैं। कुद्स फोर्स के कमांडर मेजर-जनरल कासिम सुलेमानी की 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी।
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