निमिषा प्रिया, फोटो: सोशल मीडिया
Nimisha Priya Case: भारत सरकार के प्रयास के बाद यमन के स्थानीय अधिकारियों ने निमिषा की सजा को स्थगित कर दिया है। नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या मामले में फांसी दी जानी थी। सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार और भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद यमन के अधिकारियों ने निमिषा की फांसी को स्थगित कर दिया है।
निमिषा की फांसी पर स्थानीय यमनी प्रशासन ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह फैसला दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौते की संभावना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। निमिषा प्रिया पर 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तालाल अब्दो महदी की हत्या करने का आरोप है। निमिषा ने बिजनेस पार्टनर महदी को बेहोश करने के लिए इंजेक्शन दिया था लेकिन ओवरडोज के चलते उसकी मौत हो गई थी। इसके पीछे का कारण बताया गया था कि महदी ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था और वह भारत लौटने की कोशिश कर रही थीं। इस घटना के बाद उन्हें यमन की अदालत ने 2020 में मौत की सजा सुनाई थी जो कि 2023 में अंतिम अपील खारिज होने के बाद भी बरकरार रही।
केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा पेशे से नर्स हैं और 2011 से यमन में काम कर रही थीं। 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट गए थे लेकिन निमिषा वहीं रह गईं। 2016 में यमन में गृहयुद्ध छिड़ जाने के कारण वहां से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। इसके एक साल बाद उन पर हत्या का मामला दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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इस मुद्दे को लेकर भारत सरकार यमन के अधिकारियों और जेल प्रशासन से लगातार संपर्क में था। इसके साथ ही केरल के मुस्लिम धार्मिक नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार ने भी यमनी अधिकारियों से मानवीय आधार पर दखल दिया। इन प्रयासों के चलते अब यह सजा अस्थायी रूप से टाली गई है। फिलहाल निमिषा यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं और उनके भविष्य का फैसला दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत पर निर्भर करेगा।