निमिषा प्रिया, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Nimisha Priya Case: भारत के ग्रैंड मुफ्ती और सुन्नी नेता कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को मिली मौत की सजा को रद्द कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक न तो भारत सरकार और न ही यमन सरकार ने इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि की है। मुसलियार के कार्यालय ने बताया कि यमन में एक हत्या के आरोप में सजा पाने वाली भारतीय महिला निमिषा प्रिया के मामले में फांसी की सजा रद्द कर दी गई है। अभी इसकी पुष्टि के लिए सरकारी स्तर पर कोई घोषणा नहीं हुई है।
सना में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में मौत की सजा को पूर्ण रूप से समाप्त करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले इस सजा को अस्थायी तौर पर रोका गया था। जवाद मुस्तफावी के अनुसार, यह फैसला भारत के ग्रैंड मुफ्ती के हस्तक्षेप के बाद आया है। ग्रैंड मुफ्ती ने यमन के सूफी विद्वान शेख उमर हफीज थंगल से यमनी विद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का अनुरोध किया था।
इस मध्यस्थता वार्ता में उत्तरी यमन के शासकीय अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों ने भी भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप यह समझौता हुआ। मुस्तफावी ने बताया कि वार्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अब आगे की प्रक्रिया मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार के साथ हुई बातचीत पर निर्भर करेगी।
केरल के पलक्कड़ जिले की 34 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया एक ईसाई परिवार से हैं। साल 2008 में रोजगार की तलाश में वह यमन चली गईं। यमन की राजधानी सना में उनकी मुलाकात एक स्थानीय व्यक्ति तालाल अब्दो महदी से हुई। दोनों ने मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया, लेकिन कुछ समय बाद उनके रिश्ते में मतभेद पैदा हो गए।
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साल 2017 में, महदी का शव एक पानी की टंकी में मिला था। निमिषा प्रिया पर उनकी हत्या का आरोप लगाया गया था। आरोपों के मुताबिक, निमिषा ने महदी को नींद की गोलियों की अधिक मात्रा देकर मार डाला और फिर उसके शव को छिपाने की कोशिश की। हत्या के एक महीने बाद, निमिषा को यमन-सऊदी अरब की सीमा पर गिरफ्तार किया गया। निमिषा के वकील ने दावा किया कि महदी ने उसके साथ शारीरिक शोषण किया था और उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था।
हालांकि, महदी के भाई तलाल अब्दो ने इन आरोपों को झूठा बताया। 2020 में, यमन की एक अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। निमिषा फिलहाल सना जेल में बंद है।
इसी महीने 16 जुलाई को निमिषा को फांसी दी जानी थी, लेकिन भारत सरकार और केरल के कई मुस्लिम संगठनों के हस्तक्षेप के बाद यह सजा टाल दी गई। अब खबर है कि उसकी मौत की सजा पूरी तरह रद्द कर दी गई है।