निमिषा प्रिया (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: केरल से अच्छी जिंदगी की तलाश में यमन गई निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन में फांसी दी जाएगी। निमिषा पर यमन के एक नागरिक की हत्या करने का आरोप है। मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने उनकी फांसी की तारीख की पुष्टि की है। इस खबर से भारत सरकार को बड़ा झटका लगा है। सरकार लंबे समय से निमिषा को बचाने की कोशिश कर रही थी।
सैमुअल जेरोम ने बताया कि बातचीत मृतक के परिवार से जारी थी, लेकिन यमनी नागरिक के परिवार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। ब्लड मनी को लेकर भी कोई समझौता नहीं हो पाया है। परिवार को 10 लाख डॉलर की पेशकश की गई थी और एक स्पॉन्सर की मदद से यह राशि जुटाई भी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अभी भी सभी विकल्प खुले हैं।
केरल के पलक्कड़ की निवासी निमिषा प्रिया पेशे से नर्स थीं। उन्होंने 2011 में नर्सिंग ट्रेनिंग कोर्स पूरा किया और एक बेहतर जिंदगी की तलाश में यमन चली गईं। उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे। यमन पहुंचने के बाद, निमिषा ने वहां कई अस्पतालों में दिन-रात मेहनत की। कुछ सालों तक काम करने के बाद, उन्होंने खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया। इसी दौरान, 2014 में उनकी मुलाकात यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी से हुई। तलाल ने प्रिया से यमन में क्लिनिक खोलने में मदद का वादा किया, जिससे निमिषा को लगा कि उनका सपना अब साकार हो सकता है।
निमिषा यमन के कानून के तहत अकेले अपना क्लिनिक नहीं खोल सकती थीं, क्योंकि वहां के नियमों के अनुसार किसी भी गैर-यमनी नागरिक को देश में व्यापार करने के लिए किसी स्थानीय व्यक्ति को साझेदार बनाना अनिवार्य है। इसी वजह से उन्होंने तलाल को अपना बिजनेस पार्टनर बनाया। हालांकि, कुछ ही समय बाद उनके बीच मतभेद उभर आए। निमिषा ने महदी पर दुर्व्यवहार और यातना देने के गंभीर आरोप लगाए। उनके अनुसार, महदी ने उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था, ताकि वह यमन छोड़कर बाहर न जा सकें।
Amazon से आया था पुलवामा हमले का विस्फोटक, PayPal से हुआ पेमेंट, FATF का खुलासा
निमिषा पर आरोप है कि उसने तलाल से छुटकारा पाने के लिए सेडेटिव्स का इंजेक्शन लगा दिया, जिससे ओवरडोज से उसकी मौत हो गई। इसके बाद यमन की सरकार ने निमिषा को हत्या का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया और उस पर केस चलाया। इसमें अब 16 जुलाई को उसे फांसी की सजा दी जाएगी।