
बांग्लादेश में बिगड़े हालात
Sharif Osman Hadi Death Protests: 19 दिसंबर को बांग्लादेश के प्रमुख छात्र विद्रोह के नेता शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद, बांग्लादेश में व्यापक विरोध और हिंसा का दौर शुरू हो गया। हादी की मौत ने देशभर में आक्रोश फैलाया, खासकर ढाका में, जहां प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्रों और अखबारों के कार्यालयों में तोड़फोड़ की। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को हादी के हत्यारों को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई का वादा करना पड़ा। इसके साथ ही उन्होंने एक दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया।
इंकलाब मंच के प्रवक्ता और जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी, जो पिछले 6 दिनों से जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे, गुरुवार रात सिंगापुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गए। पिछले हफ्ते अज्ञात बंदूकधारियों ने हादी को सिर में गोली मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद उन्हें तुरंत सिंगापुर भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “आज मैं आपके समक्ष अत्यंत दुखद समाचार लेकर आया हूं। जुलाई विद्रोह के निडर योद्धा और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी अब हमारे बीच नहीं रहे।”
इस घटना के बाद बांग्लादेश में और भी हिंसा की घटनाएं सामने आईं। बांग्लादेश के खुलना में एक पत्रकार, इमदादुल हक मिलन, की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि इस हमले में एक अन्य व्यक्ति भी घायल हो गया है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिलन शालुआ प्रेस क्लब के अध्यक्ष थे और उस समय शालुआ बाजार की एक चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे। अचानक, दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाईं और फिर तेजी से फरार हो गए। इस घटना ने बांग्लादेश के पत्रकारों के लिए सुरक्षा को लेकर और भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह भी पढ़ें- चुनाव से पहले विद्रोह…बांग्लादेश को सुलगाने के पीछे की कहानी, 10 प्वाइंट्स में सभी सवालों के जवाब
शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक संकट और हिंसा बढ़ गई है। उनके समर्थकों ने हादी के हत्यारों को पकड़ने और न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए। यह घटना बांग्लादेश में आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकती है।






