
CIA अधिकारी के बयान से भड़का पाकिस्तान, (डिजाइन फोटो)
India Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल के दौरान पूर्व CIA अधिकारी और मशहूर व्हिसलब्लोअर जॉन किरियाकू के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
किरियाकू ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने उनसे जबरन माफी मांगने की कोशिश की। यह मामला उस समय का है जब उन्होंने एक इंटरव्यू में भारत-पाक युद्ध की स्थिति पर अपनी राय रखी थी।
अक्टूबर में दिए ANI इंटरव्यू में किरियाकू ने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक युद्ध होता है, तो पाकिस्तान निश्चित रूप से हार जाएगा। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि भारत की आबादी पाकिस्तान से पांच गुना अधिक है और शक्ति संतुलन स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में है। उन्होंने यह भी कहा था कि किसी भी युद्ध से दोनों देशों को नुकसान ही होगा, लाभ नहीं।
किरियाकू के इस बयान के बाद पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं। सोशल मीडिया पर उन्हें भारी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा और कई पाक नागरिकों ने उन्हें जान से मारने की धमकियां भी दीं। उन्होंने कहा कि उन्हें जितनी धमकियां मिली हैं, उनकी गिनती करना भी मुश्किल है।
मामला तब और गंभीर हो गया जब PTI ने उन्हें एक आधिकारिक पत्र भेजकर बयान की निंदा की और इमरान खान, PTI तथा पाकिस्तान की जनता से तुरंत माफी मांगने की मांग की। किरियाकू ने बताया कि यह पत्र PTI के अध्यक्ष की ओर से आया था। फिलहाल पार्टी का नेतृत्व पूर्व पंजाब सीएम चौधरी परवेज इलाही कर रहे हैं, जिन्होंने मार्च 2023 में पद संभाला था।
किरियाकू ने बताया कि उनके वकील ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें कम प्रोफाइल में रहने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने उल्टा PTI को एक तंज भरा जवाबी पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि उन्होंने बेहद व्यंग्यात्मक भाषा का प्रयोग किया, परंतु इस पत्र पर PTI की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
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यह पहला मौका नहीं है जब जॉन किरियाकू विवादों में आए हों। 2002 में उन्होंने अल-कायदा के बड़े आतंकी अबू जुबैदा की गिरफ्तारी का नेतृत्व भी किया था। इसके साथ ही 2007 में उन्होंने CIA के टॉर्चर प्रोग्राम का खुलासा किया था, जिसके बाद उन्हें 23 महीने जेल में रहना पड़ा, हालांकि बाद में आरोप हटा दिए गए। CIA में लगभग 15 साल की सेवा के दौरान उन्होंने 9/11 के बाद कई महत्वपूर्ण आतंकवाद-रोधी अभियानों में भूमिका निभाई।






