इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (सोर्स- सोशल मीडिया)
Netanyahu on Gaza Peace Plan: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इजरायल यह तय करेगा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति योजना के तहत गाजा में स्थापित अंतरराष्ट्रीय बल में कौन से विदेशी सैनिकों को शामिल होने की अनुमति देगा। नेतन्याहू ने यह बयान कैबिनेट मीटिंग के दौरान अपने नेताओं को संबोधित करते हुए दिया।
नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट से कहा, हमारी सुरक्षा हमारे नियंत्रण में है, और इजरायल यह तय करेगा कि कौन सी अंतरराष्ट्रीय ताकत हमें स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इजरायल के दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
हालांकि, यह साफ नहीं है कि कौन से अरब या अन्य देशों के सैनिक गाजा भेजे जाएंगे। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी सैनिकों को भेजने से मना कर दिया है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक मिस्र, इंडोनेशिया और खाड़ी के अरब देशों के सैनिक शामिल हो सकते हैं। इजरायल ने गाजा की सभी प्रवेश-मार्गों पर नियंत्रण बनाए रखा है, जिन्हें उसने हमास के खिलाफ अपनी कार्रवाई के दौरान दो साल तक बंद कर दिया था, जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने सीमा पार से हमला किया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल-तुर्की संबंधों में गिरावट के बाद नेतन्याहू ने गाजा में तुर्की की किसी भी भूमिका का विरोध किया है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन ने गाजा में इजरायल के हवाई और जमीनी हमलों की आलोचना की थी। नेतन्याहू ने इस पर भी जोर दिया कि इजरायल अपने सुरक्षा निर्णयों में पूरी तरह स्वतंत्र है और इस बात को नकारा कि अमेरिका उसकी नीति को नियंत्रित करता है। नेतन्याहू ने इस बयान के साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि वो गाजा में अमेरिकी दबाव में कोई फैसले नहीं लेगा।
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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो इजरायल में सीजफायर को समर्थन देने के लिए गए थे। उन्होंने कि अंतरराष्ट्रीय बल में वे देश शामिल होने चाहिए जिनके साथ इजरायल आरामदायक महसूस करता है, लेकिन उन्होंने तुर्की पर कोई टिप्पणी नहीं की। रुबियो ने यह भी कहा कि गाजा के भविष्य के शासन के लिए इजरायल और उसके साझेदार देशों के बीच समझौता होना चाहिए, जिसमें हमास को बाहर रखा जाएगा।