गाजा पर हमले की एक तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
गाजा: अमेरिका इजरायल पर हमास के साथ युद्धविराम और समझौते के लिए दबाव लगातार दबाव बना रहा है। वहीं, हमास की ओर से भी युद्ध रोकने और स्थायी शांति स्थापित करने की बात कही जा रही है। हालांकि, हालात अब भी बेहद तनावपूर्ण हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि इजरायल लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है।
हाल के कुछ दिनों में इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर 26 जबरदस्त हमले किए, जिनमें 300 लोगों की जान चली गई। रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में 48 ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो राहत सामग्री पाने के लिए कतार में खड़े थे और तभी हमले की चपेट में आ गए।
शुक्रवार सुबह से अब तक 73 लोगों की जान जा चुकी है। कुछ हमलों में गाजा स्थित ‘ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ को भी निशाना बनाया गया, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। एक स्कूल की इमारत में शरण लिए अहमद मंसूर ने बताया, “जब हम सुबह उठे तो इजरायल के हमले पूरे जोर पर थे। ऐसा महसूस हुआ मानो भूकंप आ गया हो। लोग कह रहे थे कि यह ड्रोन अटैक हो सकता है, लेकिन इसके तुरंत बाद जो दूसरा हमला हुआ, वह कहीं ज्यादा विनाशकारी था।
मिसाइलें बेहद खतरनाक थीं और जहां भी गिरीं, वहां सब कुछ तबाह हो गया। हर तरफ आग ही आग दिखाई दे रही थी। कई लोग इन हमलों में बुरी तरह झुलस गए और घंटों तक दर्द में तड़पते रहे।”
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इसके अलावा, दक्षिण गाजा के अल-मवासी इलाके में एक टेंट पर हुए हमले में 13 लोगों की जान चली गई। इस इलाके में बड़ी संख्या में विस्थापित लोग ठहरे हुए थे। वहीं, मुस्तफा हाफिज स्कूल में हुए हमले में 16 लोगों की मौत हुई, जहां गाजा के पश्चिमी हिस्से से आए कई शरणार्थी शरण लिए हुए थे।
इस बीच, अमेरिका ने इजरायल को सुझाव दिया है कि वह हमास के साथ कम से कम 60 दिनों के लिए संघर्षविराम पर सहमत हो जाए। हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि जब तक गाजा से हमास का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता, तब तक संघर्षविराम संभव नहीं है। ऐसे में यह संभावना बहुत कम है कि इजरायल निकट भविष्य में युद्धविराम के लिए तैयार होगा।