तस्वीर में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और इसराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू
यरुशलम: गाजा में युद्ध विराम वार्ता के लिए अमेरिका भरसक प्रयास कर रहा है। बैठकें कर करा है। दौरे कर रहा है। लेकिन अमेरिका का ये प्रयास बेअसर ही मालूम पड़ रहा है। हाल ही का मामला ले लीजिए। गाजा युद्ध विराम वार्ता के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चार दिवसीय इसराइल के दौरे पर थे। वे रविवार को इसराइल के शहर तेल अवीव पहुंचे थे। ब्लिंकन के तेल अवीव पहुंचते ही इसराइल ने गाजा पर हमला किया था, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी।
यही नहीं बुधवार को ब्लिंकन जब तेलअवीव से रवाना होते ही इसराइल ने फिर से गाजा पर हमला किया। जिसमें 50 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, ताजा हमले में इसराइली विमानों ने गाजा पट्टी के करीब 30 स्थानों पर बमबारी की।
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उधर इस हमले को लेकर इसराइली सेना का दावा है कि उसने हमास और इस्लामिक जिहाद के ठिकानों को निशाना बनाया गया है। हालांकि इन हमलों में दर्जनों लड़ाके मारे गए। इसराइली सेना द्वारा जिन स्थानों पर कार्रवाई हुई है वहां पर बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद भी मिलने का दावा है।
स्कूल से हमास का कमांड सेंटर का संचालन
बुधवार को एंटनी ब्लिंकन तेलअवीव से रवाना हुए ओर बुधवार को ही इसराइली सेना ने गाजा सिटी के एक स्कूल और उसके नजदीक के एक घर को भी निशाना बनाया। इस कार्रवाई में तीन लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हुए । इसराइली सेना ने कहा है कि स्कूल से हमास का कमांड सेंटर संचालित हो रहा था। इसी तरह से खान यूनिस शहर के नजदीक एक टेंट में रह रहे लोगों पर हमले में सात फिलस्तीनी मारे गए हैं।
ब्लिंकन का दौरा बेअसर
बता दें कि इसराइल और हमास के बीच पिछले साढ़े दस महीने से युद्ध जारी है। तब से ही गाजा पर लगातार हमले हो रहे हैं। वहीं जब से ये युद्ध शुरू हुआ तब से ब्लिंकन का नौवां या दसवां दौरा है। इस दौरे में ब्लिंकन ने युद्धविराम के लिए इसराइली नेताओं से बात की। फिलहाल उन्हें कोई सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है।
40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत
गाजा युद्ध में अभी तक 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। करीब 23 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी में तकरीबन 90 प्रतिशत लोग बेघर हो चुके हैं या फिर उन्हें ठिकाना छोड़ने के लिए विवश किया गया है। अब लोग स्कूलों, अस्पताल के परिसरों और टेंटों में रहाने के मजबूर हैं। लेकिन वे यहां भी सुरक्षित नहीं हैं। उन
यहां पर भी बमबारी और गोलाबारी हो रही है।
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