डोनाल्ड ट्रंप, फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक अहम बयान देते हुए दावा किया कि इज़रायल 60 दिन के युद्धविराम प्रस्ताव को मानने पर राज़ी हो गया है। यह कदम गाज़ा में लंबे समय से जारी खूनी संघर्ष को अस्थायी रूप से थामने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर देखा जा रहा है। अब तक इस संघर्ष में 56,000 से अधिक फिलिस्तीनीयों की जान जा चुकी है। ट्रंप ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मेरे प्रतिनिधियों ने गाजा मुद्दे पर इजरायली अधिकारियों के साथ विस्तृत और गंभीर बातचीत की है। इस दौरान इजरायल ने 60 दिन के युद्धविराम के लिए जरूरी शर्तों को मान लिया है। अब हमारा लक्ष्य सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर इस संघर्ष को हमेशा के लिए समाप्त करना है। हमास को इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लेना चाहिए, क्योंकि इससे अच्छा मौका नहीं मिलने वाला है। अगर यह मौका गंवा दिया गया, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।”
ट्रंप ने कतर और मिस्र की इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और बताया कि अंतिम युद्धविराम प्रस्ताव इन्हीं दोनों देशों के माध्यम से हमास को सौंपा जाएगा। प्रस्ताव के तहत दोनों पक्षों के बीच 60 दिनों का युद्धविराम लागू रहेगा, जिसके दौरान स्थायी समाधान को लेकर बातचीत की जाएगी और मानवीय सहायता पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
यह विवाद को तब भड़का जब हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायल में हिंसक हमला करके करीब 1,200 लोगों की जान ले ली। और 250 से अधिक बंधक बना लिए। इस हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी में बड़ा सैन्य अभियान चलाया, जिसमें अब तक हजारों आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों की मौत हो चुकी है। गाजा की अधिकांश जनता इस समय बुनियादी सुविधाओं से वंचित है और गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रही है।
ISI की भारत विरोधी चाल, फर्जी पासपोर्ट संग ढाका में पहुंचे अधिकारी; मचा हड़कंप
हमास की मांग है कि इजरायली सेना पूरी तरह पीछे हटे, राहत सामग्री की आपूर्ति में कोई बाधा न हो और अंतरराष्ट्रीय निगरानी सुनिश्चित की जाए। वहीं, इजरायल का मुख्य लक्ष्य बंधकों को सुरक्षित छुड़ाना और हमास की सैन्य ताकत को पूरी तरह से खत्म करना है।
राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, अगले 48 से 72 घंटे युद्धविराम की शर्तों को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। कतर और मिस्र के प्रतिनिधि जल्द ही हमास नेतृत्व को अंतिम प्रस्ताव सौंपेंगे। अगर हमास इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो यह करीब नौ महीनों से जारी हिंसा के बीच पहली बड़ी शांति पहल मानी जाएगी।