ईरान की चेतावनी से मचा हड़कंप, (डिजाइन फोटो)
तेहरान: अमेरिका के इजरायल-ईरान संघर्ष में शामिल होने से पूरी दुनिया की नजर मध्य पूर्व पर टिक गई है। रविवार की सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया, जिसके जवाब में ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिका को सख्त चेतावनी दी है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची से जब अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी हमले या होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की संभावना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ईरान के पास इस मामले में कई विकल्प मौजूद हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों पर किसी भी स्थिति में भरोसा नहीं किया जा सकता, और इसके कई कारण हैं।
ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि पहले उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा। हमले खत्म होने के बाद ही वह यह तय करेंगे कि कूटनीतिक तरीके से आगे कैसे बातचीत की जाए। उन्होंने अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों की पूरी जवाबदेही अमेरिका पर है। उनके अनुसार, अमेरिका ने सभी सीमाएं पार कर ली हैं और अब कोई लक्ष्मण रेखा शेष नहीं बची है।
साथ ही, ईरानी विदेश मंत्री ने बताया कि वह रविवार को मॉस्को जाएंगे, जहां सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बैठक होगी। उन्होंने रूस को ईरान का मित्र बताते हुए इस मुलाकात का जिक्र किया।
रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि यद्यपि कूटनीतिक वार्ता के रास्ते हमेशा खुले रहने चाहिए, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह संभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारे देश पर हमला किया गया है और हमें आक्रमण का सामना करना पड़ा है। अब हमें आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए जवाबी कार्रवाई करनी होगी।”
मेदवेदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी टिप्पणी करते हुए लिखा, “शांति स्थापित करने का दावा करने वाले राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के लिए एक नया युद्ध शुरू कर दिया है।”