
इंडोनेशिया में बाढ़-भूस्खलन से मचा हाहाकार, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Indonesian Disaster News: इंडोनेशिया के सुमात्रा क्षेत्र में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। लगातार कई घंटों तक हुई बारिश के कारण नदियां उफान पर आ गईं और पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हो गया। आपदा ने तीन प्रांतों उत्तरी सुमात्रा, पश्चिमी सुमात्रा और आचेह को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (BNPB) के प्रमुख सुहार्यंतो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अब तक 400 से ज्यादे लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 250 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और कई कस्बों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी सुमात्रा सबसे गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है जहां 166 लोगों की मौत हुई है और 143 लोग लापता हैं। पश्चिमी सुमात्रा में 90 मौतें और 85 लापता लोगों की जानकारी सामने आई है। वहीं आचेह में 47 लोगों की मौत और 51 लोग लापता बताए गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि भारी बारिश के बाद नदियां अचानक उफान पर आ गईं जिससे कई गांव पूरी तरह पानी में इस तरह से डूब गए कि मानो नक्शे से गायब दिख रहे हैं। मुख्य सड़कों और पुलों के टूटने से राहत और बचाव कार्य में बड़ी बाधाएं आ रही हैं। कई क्षेत्रों तक भारी मशीनरी पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है। लोगों को बचाने के लिए सेना और बचावकर्मी हेलीकॉप्टर और नावों का उपयोग कर रहे हैं।
राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। सरकार ने स्थिति की गंभीरता देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मदद स्वीकार कर ली है। कई देशों ने त्वरित राहत सामग्री और रेस्क्यू टीम भेजने की पेशकश की है।
BNPB प्रमुख ने बताया कि मौसम सुधरने के बाद राहत कार्यों की गति और बढ़ा दी गई है। एजेंसी इस समय तीन ज़रूरी कदमों पर सबसे अधिक ध्यान दे रही है पहला, लापता लोगों की तलाश और उन्हें बचाने के लिए सर्च और रेस्क्यू अभियान; दूसरा, टूटे हुए संचार नेटवर्क को फिर से दुरुस्त करना; और तीसरा, प्रभावित लोगों तक जरूरी सामान और सहायता तुरंत पहुंचाना।
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उन्होंने कहा कि अधिकारी लगातार राहत और बचाव मिशन में लगे हुए हैं। भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से कई क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह कट गया है, जिस कारण मदद पहुंचाने में बड़ी कठिनाइयां आ रही हैं। बाढ़ के कारण हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं और फिलहाल अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। एजेंसी पूरी क्षमता के साथ प्रयास कर रही है कि हालात जल्द से जल्द सामान्य हो सकें।






