गड़चिरोली में नदी में आयी बाढ़ (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Weather Update: गड़चिरोली जिले में बीते 3 दिनों से बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार को भी गड़चिरोली शहर समेत जिले के कुछ हिस्सों में धुआंधार बारिश हुई। लौटती बारिश किसानों के साथ ही नागरिकों के लिए आफत बन रही है। बारिश के चलते नदियां उफान पर बह रही है। वहीं बारिश के चलते कपास, सोयाबीन के साथ अब धान फसलों के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रही है।
मौसम विभाग ने विदर्भ समेत जिले में बारिश की चेतावनी दी थी। जिसके मद्देनजर जिले के कुछ क्षेत्रों में बिजली की कड़कड़ाहट के साथ तेज बारिश हुई। गड़चिरोली शहर समेत परिसर में दोपहर के दौरान अचानक बादल गरज उठे और तेज बारिश शुरू हुई। जिसके चलते जिले का जनजीवन कुछ समय के लिए प्रभावित हुआ था।
लौटती बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कपास व सोयाबीन फसलों के लिए बारिश नुकसानदेह साबित हो रही थी। वहीं अब धान फसलें अंतिम चरण पर है। ऐसे में बारिश का दौर शुरू होने से अनेक जगह अंकुरित धान फसलें चौपट हो गई है।
भारी प्रजाति के धान फसलों को बारिश से लाभ मिल रहा है, लेकिन हल्के व मध्यम वर्ग की धान फसलों के लिए यह बारिश नुकसानदेह साबित हो रही है। जिले में सिंचाई सुविधा का अभाव होने के चलते अनेक किसान हल्के व मध्यम प्रजाति के धान का ही उत्पादन लेते है। निरंतर बारिश के चलते कपास फसलों की वृद्धि घट गई है। वहीं सोयाबीन की फसलें अंतिम चरण में है। ऐसे में बारिश से नुकसान हो रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य में हुई भारी बारिश के कारण इंद्रावती नदी का जलस्तर बढ़ गया। इसी कारण भामरागड़ तहसील मुख्यालय समीपस्थ से बहने वाली पर्लकोटा और पामूलगौताम नदी भी उफान पर बह रही है।
शुक्रवार को सुबह 6 बजे आलापल्ली-भामरागड़ के हेमलकसा-भामरागड़ के बीच से बहने वाले पर्लकोटा नदी को बाढ़ आ गई। पुलिया के ऊपर से पानी बहने के कारण भामरागड़-आलापल्ली मार्ग की यातायात बाधित हुई थी। सुबह 6 बजे से आलापल्ली से भामरागड़ मार्ग का यातायात ठप हो गया। करीब 100 से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया था।
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हर साल जून के बीच भामरागड़ तहसील का अधिकतर संपर्क टूटता रहता है। लेकिन इस बार जून तथा जुलाई महीने में इस तरह स्थिति नहीं बनी थी। मगर सितंबर महीने में लगातार बारिश से भामरागड़ तहसील का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट रहा है।
भामरागड़ में बाढ़ की आशंक जताई जा रही थी। जिससे शहरवासियों में हड़कंप मच गया था। लेकिन बाढ़ का पानी शहर मे प्रवेश नही किया जिसके चलते व्यापरियों को तकलीफ का सामना नही करना पड़ा। शाम 3 बजे पर्लकोटा नदी का पानी पुलिया के नीचे उतरने के कारण भामरागड़-आलापल्ली मार्ग की यातायात सुचारु रूप से शुरू हो गई।