सांकेतिक तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के पूर्व सांसद और रक्षा विशेषज्ञ फैसल रजा आबिदी ने भारत के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है। पाकिस्तान के टेलीविजन पर उन्होंने भारत के खिलाफ अपनी नफरत भरी योजना का खुलासा किया, जिसमें उन्होंने ईरान समर्थित यमन के हूतियों से इजरायल के साथ-साथ भारत पर भी मिसाइल और ड्रोन हमले करने की अपील की। फैसल रजा आबिदी ने यह आरोप भी लगाया कि भारत पाकिस्तान में सशस्त्र विद्रोहियों की मदद कर रहा है और इसके अलावा भारत फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल का समर्थन कर रहा है।
अपनी जहरीली और भड़काऊ बयानबाजी के लिए मशहूर आबिदी ने पाकिस्तान के एक टेलीविजन पर बोलते हुए भारत को यहूदियों का सबसे बड़ा समर्थक और इस्लाम का दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि भारत इजरायल को हथियार भेजकर गाजा में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है। आबिदी ने कहा कि भारत और इजरायल दुनियाभर में इस्लाम के दुश्मन हैं। हालांकि, भारत पर लगाए गए आरोपों के समर्थन में उन्होंने कोई साक्ष्य नहीं दिया। ये दूसरी पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा फैलाने वालों की तरह ही है, जो भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाते हैं।
इस दौरान, उन्होंने लाल सागर में अमेरिकी और इजरायली जहाजों पर हमला कर रहे यमन के हूती उग्रवादियों से भारत को निशाना बनाने की संभावना जताई। आबिदी ने हूती उग्रवादियों से अपनी मिसाइल क्षमता का उपयोग करते हुए भारत के हितों पर हमला करने की अपील की। एक पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ ने तो यह तक दावा किया कि हूतियों ने भारत के 6 जहाजों को डुबो दिया है, जो एक ऐसा दावा है जिसे हूतियों ने खुद कभी नहीं किया है।
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आबिदी ने यह भी कहा कि यमन भारत के सभी जहाजों को नष्ट कर देगा। उन्होंने यह दावा किया कि यमन (हूती) बहुत जल्द ही इस युद्ध को भारत के दरवाजे तक ले आएगा। मुंबई, अहमदाबाद और गुजरात के सभी तटीय क्षेत्र जल्द ही यमन के हमले का शिकार हो सकते हैं। भारत का सारा उत्पादन बर्बाद हो जाएगा, और वह अपनी किसी भी वस्तु को दुनिया के बाकी हिस्सों में नहीं भेज पाएगा।
वर्तमान में, यमन के हूतियों के पास बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हैं, जिनका दावा है कि उनकी मिसाइलें 2000 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेद सकती हैं। हालांकि, भारत और यमन के बीच की दूरी लगभग 2500 किलोमीटर है, जिससे हूतियों द्वारा भारत पर हमला करना व्यावहारिक दृष्टि से कठिन है। साथ ही, हूतियों के पास वायुसेना नहीं है, जबकि भारत के पास एक मजबूत रक्षा प्रणाली है, जो इसे इस तरह के संभावित खतरों से निपटने में सक्षम बनाती है।