रूसी संसद ने पास किया RELOS एग्रीमेंट, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
What is the RELOS Agreement: भारत और रूस के रक्षा संबंधों को नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रूस की संसद स्टेट डूमा ने रिसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट (RELOS) समझौते को औपचारिक मंजूरी दे दी है।
यह मंजूरी ऐसे समय में सामने आई है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। इस कदम से दोनों देशों के बीच पुरानी रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत होने जा रही है।
RELOS समझौता इसी वर्ष 18 फरवरी को भारत और रूस के बीच साइन हुआ था। बीते सप्ताह रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने इसे संसद की मंजूरी के लिए भेजा था, जिसके बाद अब डूमा की स्वीकृति के साथ यह समझौता लागू होने के अंतिम चरण में पहुंच गया है।
RELOS के तहत भारत और रूस की सेनाएं एक-दूसरे की जमीन, हवाई क्षेत्र, एयरबेस, समुद्री बंदरगाह और अन्य सैन्य सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगी। इसका मतलब है कि दोनों देशों की सेनाओं को ईंधन, मरम्मत, भोजन, उपकरण और अन्य लॉजिस्टिक जरूरतों में तेज और पारस्परिक सहयोग मिलेगा। यह ढांचा सैन्य अभियानों, संयुक्त अभ्यासों, आपातकालीन जरूरतों और विशेष मिशनों में दोनों देशों की क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
डूमा की वेबसाइट पर जारी एक नोट में रूसी मंत्रिपरिषद ने कहा कि दस्तावेज की मंजूरी से रूस और भारत के युद्धपोतों को एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र और बंदरगाहों का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। संसद के स्पीकर व्याचस्लाव वोलोदिन ने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध रणनीतिक और व्यापक हैं। यह समझौता हमारे रक्षा सहयोग को नई मजबूती देगा।
यह समझौता कई परिदृश्यों में बेहद कारगर साबित होगा
रूसी कैबिनेट के अनुसार, दोनों देशों के विमान एक-दूसरे के एयरस्पेस का उपयोग कर सकेंगे, जबकि युद्धपोत एक-दूसरे के बंदरगाहों में रुककर ईंधन, मरम्मत और पुनःपूर्ति जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे। इससे सैन्य सहयोग और भी गहरा होगा और किसी भी संभावित सुरक्षा चुनौती पर दोनों देशों की प्रतिक्रिया क्षमता बेहतर होगी।
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RELOS समझौता भारत और रूस के बीच दशकों पुराने रक्षा सहयोग को एक आधुनिक और व्यावहारिक ढांचा प्रदान करता है। खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच यह साझेदारी भविष्य में दोनों देशों की सामरिक क्षमता को और बढ़ाने का वादा करती है।