
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री की खुली माफी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
South Korea Democracy Crisis: दक्षिण कोरिया में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-येओल द्वारा किए गए असफल मार्शल लॉ (आपातकाल) प्रयास को एक वर्ष पूरा होने से ठीक पहले देश के रक्षा मंत्री अह्न ग्यु-बैक ने मंगलवार को आधिकारिक रूप से जनता से माफी मांगी।
यह माफी ऐसे समय आई है जब 3 दिसंबर 2024 की उस रात को लेकर देश में राजनीतिक बहस एक बार फिर तेज हो गई है, जब यून ने अचानक आपातकाल लागू करने की कोशिश की थी। संसद ने सिर्फ छह घंटे में इसे रद्द कर दिया था।
योनहाप न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, अह्न ने फेसबुक पर लंबा पोस्ट साझा करते हुए सेना की भूमिका पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस पूरे घटनाक्रम ने लोकतांत्रिक संस्थाओं और नागरिकों पर भारी दबाव डाला। उन्होंने कहा, “मैं सेना की ओर से जनता से माफी मांगता हूँ। हमारी वजह से लोगों की जिंदगी पर आफत आई, कई लोग गहरे जख्मों के साथ जी रहे हैं। हमने संसद और राष्ट्रीय चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन कर गंभीर गलती की।”
अह्न ग्यु-बैक दक्षिण कोरिया के पिछले 64 वर्षों में पहले असैन्य (नागरिक) रक्षा मंत्री हैं। उन्होंने अपने बयान में यह भी स्पष्ट कहा कि सेना को अब किसी राजनीतिक सत्ता का औजार नहीं बनने दिया जाएगा। अह्न ने कहा कि मैं सेना को लोगों के लिए पुनर्निर्मित करने का वादा करता हूँ। इसे आपातकाल थोपने के हथियार की तरह इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही सैन्य ढांचे में पारदर्शिता और नागरिक नियंत्रण को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हमारा हर निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भविष्य में किसी तरह के बगावती या अलोकतांत्रिक प्रयास की गुंजाइश न बचे।”
3 दिसंबर 2024 की रात, जब मार्शल लॉ लागू करने की कोशिश की गई थी, उस समय संसद भवन के चारों ओर पुलिस और सेना की भारी तैनाती की गई थी ताकि सांसदों को मतदान से रोका जा सके। लेकिन इसके बावजूद 190 सांसदों ने रात 1:02 बजे प्रस्ताव पारित कर आपातकाल को रद्द कर दिया। इस घटना को दक्षिण कोरिया की लोकतांत्रिक संस्थाओं की बड़ी जीत माना गया।
मार्शल लॉ से जुड़े मामलों में रक्षा मंत्रालय ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया है, जो अनुशासनात्मक जांच का हिस्सा थे। हाल ही में राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम युद्ध के कगार पर थे… लेकिन कोरियाई जनता ने लोकतंत्र की रक्षा की।”
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दक्षिण कोरिया में यह घटना अब भी राजनीतिक और सैन्य सुधारों की बहस का केंद्र बनी हुई है, और मंत्री अह्न की यह माफी इस विवाद में एक बड़ा मोड़ मानी जा रही है।
(IANS इनपुट के साथ)






