शहबाज शरीफ, फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: भारत ने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को ‘स्थगित’ कर दिया था। तब से पाकिस्तान लगातार भारत से इस संधि को फिर से लागू करने की मांग कर रहा है, लेकिन भारत ने उसके अनुरोधों को नज़रअंदाज़ किया है। इस वजह से अब पाकिस्तान को यह सच स्वीकार करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारत “पानी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल” कर रहा है।
इसलिए अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में जल संग्रहण (वाटर स्टोरेज) क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह निर्णय भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के संभावित कदम की प्रतिक्रिया में लिया गया है। पाकिस्तान में इस बात को लेकर चिंता व्याप्त है कि यदि भारत ने पानी का प्रवाह रोक दिया, तो उस स्थिति का सामना कैसे किया जाएगा। इस पृष्ठभूमि में, शहबाज शरीफ की सरकार ने देश में जल भंडारण परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घोषणा की कि सरकार ने देश में वाटर स्टोरेज क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जल संग्रहण परियोजनाओं को जल्दी से पूरा किया जाए। शरीफ ने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा कि पानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई आवश्यक है, क्योंकि भारत पानी को एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।
शहबाज शरीफ ने देश में जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए भारत पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की है, लेकिन वह इस संधि को एकतरफा रूप से रद्द नहीं कर सकता। शरीफ ने स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत को यह अधिकार नहीं है कि वह बिना सहमति के इस समझौते को निलंबित कर दे।
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शरीफ ने आगे कहा, “सिंधु जल संधि पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के बावजूद, भारत के इरादे पाकिस्तान के प्रति अच्छे नहीं हैं। वह पानी को हमारे खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति अपना रहा है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, पाकिस्तान सरकार ने प्रांतीय सरकारों के साथ मिलकर विवाद-मुक्त जल संचयन परियोजनाओं को जल्दी पूरा करने का निर्णय लिया है।”
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। इस घटना के परिणामस्वरूप, भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को सीमित करने का निर्णय लिया, जिसमें सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित करना भी शामिल है। यह कदम दोनों देशों के बीच मौजूदा संबंधों में और अधिक खटास पैदा कर गया है।