भारत ने बिना युद्ध किए बांग्लादेश और पाकिस्तान दिया बड़ा झटका, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: पिछले 48 घंटे बांग्लादेश और पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण रहे, और इसकी वजह भारत बना है, वह भी बिना किसी सैन्य संघर्ष के। भारत ने पहले अमेरिका के जरिए बांग्लादेश तक एक सख्त संदेश पहुंचाया और फिर नीदरलैंड के माध्यम से पाकिस्तान को दबाव में ला दिया।
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भारत से दिए गए एक बयान में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया, जिससे बांग्लादेश की सरकार असहज हो गई। वहीं, भारत दौरे पर आए नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन बर्केलमैन्स से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को हथियार आपूर्ति रोकने की अपील की। अगर नीदरलैंड इस अनुरोध को मान लेता है, तो पाकिस्तान को सैन्य नुकसान झेलना पड़ सकता है।
भारत की इस कूटनीतिक चाल ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है और बांग्लादेश व पाकिस्तान दोनों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
तुलसी गबार्ड भारत दौरे के दौरान एक इंटरव्यू में कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों, जैसे हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों का लंबे समय से उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार एक गंभीर मुद्दा रहा है, जिस पर अमेरिका और तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन चिंतित रहा है।
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गबार्ड ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार का आरोप लगाया और कहा कि देश में इस्लामवादी खिलाफत स्थापित करने की विचारधारा के कारण चरमपंथी आतंकवाद का खतरा बना हुआ है। उनकी इस टिप्पणी को बांग्लादेश सरकार ने खारिज करते हुए इसे आधारहीन बताया।
मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि गबार्ड की टिप्पणी ने देश की गलत छवि प्रस्तुत की है। कार्यालय के अनुसार, भारतीय टीवी चैनल पर दिया गया गबार्ड का बयान बांग्लादेश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने वाला है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रूबेन बर्केलमैन्स से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने पाकिस्तान को हथियार, सैन्य उपकरण या तकनीकी सहायता प्रदान न करने की अपील की।
राजनाथ सिंह ने सीमापार आतंकवाद से जुड़े भारत की चिंताओं को व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवादी गतिविधियों के कारण देश को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नीदरलैंड की कंपनियों को ऐसे किसी भी सौदे से बचना चाहिए, जो पाकिस्तान को सैन्य शक्ति प्रदान करे, क्योंकि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है।