गुरपतवंत सिंह पन्नू , फोटो (सो. सोशल मीडिया)
NIA case Gurpatwant Singh Pannu: भारत ने खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इस दिशा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पन्नू के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है। एनआईए की यह कार्रवाई पन्नू द्वारा की गई उस बयान के कारण हुई है, जिसमें उसने प्रधानमंत्री को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने वाले को 11 करोड़ रुपए इनाम देने की धमकी दी थी। यह बयान पन्नू ने 10 अगस्त को पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम के दौरान वाशिंगटन से वीडियो लिंक के माध्यम से दिया था।
इसके साथ ही, पन्नू ने विवादित नक्शा जारी किया, जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली को शामिल किया गया था। इसके अलावा, भारत के खिलाफ एसएफजे ने ‘शहीद जत्था’ नामक एक ग्रुप भी बनाया है। एनआईए ने इस मामले में बीएनएस 2023 की धारा 61(2) और यूएपीए की धारा 10 व 13 के तहत मामला दर्ज किया है। अब एजेंसी इस साजिश में शामिल अन्य लोगों और नेटवर्क के फैलाव की जांच करेगी।
इससे पहले, कनाडा में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल और खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख नेताओं में से एक माने जाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीबी सहयोगी और उनके दाहिने हाथ के रूप में प्रसिद्ध खालिस्तानी चरमपंथी इंद्रजीत सिंह गोसल को गिरफ्तार किया गया था। गोसल की गिरफ्तारी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अब खालिस्तान समर्थक संगठनों के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम को खालिस्तान समर्थक समूहों की अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग और उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
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जून 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद, अमेरिका स्थित खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) के एक प्रमुख कनाडाई सदस्य चर्चा में आए। यह सदस्य पंजाब से अलग एक स्वतंत्र खालिस्तान राज्य की मांग के समर्थन में कई जनमत संग्रह आयोजित करता रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय खुफिया एजेंसियां नियमित रूप से कनाडा की संबंधित एजेंसियों के साथ जानकारी साझा कर रही हैं। पहले ऐसी साझा जानकारी बाबर खालसा इंटरनेशनल जैसे संगठनों तक सीमित थी, लेकिन इस बार मुख्य फोकस सिख्स फॉर जस्टिस पर रखा गया है।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)