पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो- सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री ईमरान खान ने कहा है कि गुलामी मंजूर करने से बेहतर है कि वह जेल की आंधेरी कोठरी में कैद रहें। इमरान ने अपने समर्थकों से मौजूदा शासन के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की है। इमरान ने यह बयान सोशल मीडिया के जरिए दिया।
इमरान खान ने अपनी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आग्रह किया है कि वे मुहर्रम के दसवें दिन, यानी आशूरा के बाद, पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करें। इस साल आशूरा 6 जुलाई को मनाया जाएगा। इस्लाम में इस दिन का बहुत महत्व है क्योंकि इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की करबला के मैदान में शहादत की याद में मनाया जाता है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि, “मैं अपने समर्थकों से अपील करता हूं कि वे मुहर्रम के दसवें दिन पाकिस्तान की तानाशाही सरकार के खिलाफ आह्वान करें।” इमरान ने जेल रहने को लेकर कहा कि वह गुलामी कबूल करने की जगह जेल की काल कोठरी में रहना पसंद करेंगे। इमरान पिछले दो साल से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली जेल में बंद हैं।
उन्होंने आर्मी जनरल आसिम मुनीर को लेकर कहा कि, “जब कोई तानाशाह सत्ता पर काबिज होता है, तो उसे जनता के वोटों की जरूरत नहीं होती। वह जबरदस्ती हुकूमत करता है।” देश की न्यायपालिका पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि अदालतों में ऐसे जज भरे हुए हैं जो “चुने हुए” यानी सेलेक्टेड हैं, जबकि स्वतंत्र सोच रखने वाले जजों को कमजोर कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की स्थिति सिर्फ मार्शल लॉ में ही देखने को मिलती है।
भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने फिर उगला जहर, UNSC की अध्यक्षता मिलते ही किया ये काम
इमरान खान की बहन अलीमा खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके भाई इमरान खान को जेल में मरवाने की साजिश रची जा रही है। अलीमा का कहना है कि इमरान की जमानत याचिका पर सुनवाई जानबूझकर टाली जा रही है। इसके अलावा, उन्हें जेल में आम कैदियों जैसी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। परिजनों को उनसे मिलने की इजाजत नहीं है और वकीलों के जेल में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है।