सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (फोटो- सोशल मीडिया)
Nine Thousand People Killed in Syria: पिछले साल दिसंबर सीरिया की सत्ता में बड़ा बदलाव हुआ। 24 साल से सीरिया में शासन कर रहे बशर अल असद को तख्तापलट के बाद अपनी जान बचाकर देश से भागना पड़ा। असद के जाने के बाद जनता को उम्मीद थी कि देश में अब एक ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह सरकार आएगी। खासकर सीरिया में रहने वाले सुन्नी मुस्लमानों को सत्ता परिवर्तन से बहुत आशा थी। लेकिन सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स की नई रिपोर्ट इन उम्मीदों के उलट हालात पेश करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 में तख्तापलट बाद लेकर अब तक सीरिया में 9,889 लोगों जान गांवा चुके हैं। जिनमें 396 बच्चे और 541 भी महिलाएं शामिल हैं। ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट के खुलासे से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। साथ ही सवाल किया जा रहा है कि असद के जाने के बाद इतनी मौतें क्यों हो रही है।
जानकारी के मुताबिक ये मौतें देश में लगातार जारी हिंसा,देशी-विदेशी ताकतों द्वारा किए गए अत्याचार और व्यापक सुरक्षा अव्यवस्था का परिणाम है। रिपोर्ट सीरिया में बढ़ते अस्थिरता के खतरे की गंभीर चेतावनी देती है, खासकर उन कमजोर वर्गों के लिए जो सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोगों ने असुरक्षा का माहौल है।
ऑब्जर्वेटरी का कहना है कि ज्यादातर मामलों में दोषियों की पहचान तक नहीं हो पाती। कई बार तो जानबूझकर आरोपियों को बचाया जाता है और घटनाओं की सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। तटीय इलाकों में हुए नरसंहारों की जांच के लिए बनाई गई फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी रिपोर्ट हकीकत से मेल नहीं खाती।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने फिर की दगाबाजी, ईरान में तख्तापलट के लिए दे रहा मोसाद का साथ, खुलासे से हड़कंप
रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि हजारों लोग अब भी बिना मुकदमे के जेल में बंद हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जिन्हें बशर अल असद के रूस जाने भागने के बाद गिरफ्तार किया गया था, वहीं कुछ लोगों को चेकपोस्ट या छापेमारी के दौरान पकड़ा गया। आरोप है कि सरकार के खिलाफ इन कोई ठोस सबूत नहीं होने के बाद भी बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के हिरासत में रखा गया है।