हूती विद्रोही (फोटो- सोशल मीडिया)
Houthis-UN Conflict: यमन के हूती विद्रोहियों ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के कार्यालयों पर बड़े हमले को अंजाम दिया। इन हमलों में विद्रोहियों ने राजधानी सना और प्रमुख बंदरगाह शहर हुदेदा में यूएन के 11 कर्मचारियों को बंधक बना लिया। यूएन ने इसे लेकर कड़ी प्रतिकिया देते हुए संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने का आरोप लगाया।
हूती विद्रोहियों ने यह कार्रवाई इजरायल की हालिया एयरस्ट्राइक के जवाब में की है, जिसमें इजरायली प्रधानमंत्री समेत कई वरिष्ठ कमांडर मारे गए थे। यमन के सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, विद्रोहियों ने यूएन से जुड़े अन्य कई दर्जन लोगों को भी हिरासत में लिया है। आरोप लगाया जा रहा है कि ये लोग इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि हूती विद्रोही जबरन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कार्यालय में घुसे और यूएन की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। साथ ही उन्होंने अन्य कार्यालयों में भी तोड़फोड़ की कोशिश की।
यमन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हांस ग्रंडबर्ग ने इसे एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताते हुए मांग की कि सभी यूएन कर्मियों को तत्काल और बिना शर्त रिहा किया जाए। ग्रंडबर्ग ने कहा कि यूएन मानवता के लिए तटस्थ, निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से काम करता है। ऐसे हमले संगठन की मूल भावना और उसके मिशन पर सीधा हमला हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि हूती विद्रोहियों की यह कार्रवाई उस समझौते का उल्लंघन है, जिसमें यमन सरकार ने यूएन की संपत्ति और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया था। इससे पहले भी हूती विद्रोही संयुक्त राष्ट्र से जुड़े 23 कर्मचारियों को बंधक बना चुके हैं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।
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हूती विद्रोही लंबे समय से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि यमन में काम कर रहे यूएन सहायता कर्मी अमेरिका और इजरायल के लिए जासूसी करते हैं। गाजा युद्ध के बाद हूती विद्रोहियों ने अपनी गतिविधियों का विस्तार कर दिया है और कई बार ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिए वाणिज्यिक ठिकानों को निशाना बनाया है। उनका दावा है कि वे फिलिस्तीन के समर्थन में इजरायल पर हमले जारी रखेंगे।