जैस-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में छिपकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाला अजहर मसूद एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगलने की कोशिश कर रहा है। साथ ही साथ उसने इजराइल को भी लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की है। टॉप मोस्ट आतंकी मसूद अजहर ने कश्मीर व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए आग उगला है।
ग्लोबल आतंकी और जैस-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने पाकिस्तान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए न सिर्फ भारत बल्कि इजरायल के खिलाफ भी जमकर हमला बोला है। मसूद अजहर में कश्मीर में उग्रवाद बढ़ाने की कसम खाते हुए भारत को निशाना बनाने की कोशिश की है। साथ ही अपने विजन के अनुसार काबुल पर तालिबान के कब्जे की स्टाइल में कश्मीर पर कब्जा करने की मंशा जाहिर की है।
सूत्रों से मिली जानकारी में यह भी कहा जा रहा है कि मसूद अजहर ने अपनी गीदड़ भभकी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी कुछ अनावश्यक और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं।
जैस-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि गैर-मुसलमानों को इस्लाम में कनवर्ट करो, उन्हें जिहाद में शामिल करो। गैर-मुसलमानों को आमंत्रित करो। उनका धर्म परिवर्तन कराओ। उन्हें तलवार देकर मुजाहिद बनाओ।
तालिबानी सरकार के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी बोले
मसूद अजहर ने अफगान तालिबान के साथ अपने संबंधों पर जोर देते हुए अपनी विश्वसनीयता को मजबूत करने की कोशिश की है। उसने तालिबानी सरकार के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के कश्मीर ड्रीम को लेकर भी दावा किया था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हक्कानी की तरफ से बाद में इसका खंडन कर दिया गया है कि कश्मीर को लेकर सरकार का कोई ऐसा ड्रीम नहीं है।
पाकिस्तान में फलफूल रहा है जैस-ए-मोहम्मद के सरगना
जैस-ए-मोहम्मद के सरगना अक्सर भारत के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए जनसभाएं करता है और कश्मीर को लेकर अपनी योजना को बताता रहता है। साथ ही साथ भारत सरकार और देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ भी अनाप-शनाप बोला करता है।
आप को याद होगा कि इस साल की शुरुआत में एक मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला कि अजहर पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से घूम रहा है, जिसमें बहावलपुर में शादी समारोह जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने का प्रमाण भी मिला था। उसकी पाकिस्तानी सीमा में लगातार मौजूदगी और भड़काऊ गतिविधियों की प्लानिंग पर काम करना पाकिस्तान सरकार की नाकामी का नतीजा है और आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान की ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठाने वाला है।