पोलैंड में फ्रांस ने तैनात किए राफेल, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
NATO Russia Tensions: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को घोषणा की कि पोलैंड में तीन राफेल लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे। यह कदम नाटो के पूर्वी मोर्चे को मजबूत करने और यूरोपीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, खासकर रूस के ड्रोनों द्वारा पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ के बाद। मैक्रों ने एक्स पर लिखा कि उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पोलिश हवाई क्षेत्र और नाटो के पूर्वी मोर्चे की सुरक्षा में योगदान देने के लिए यह निर्णय लिया है।
फ्रांसीसी नेता ने बताया कि उन्होंने बुधवार को पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क से सीधे इस फैसले पर बातचीत की। इसके अलावा, उन्होंने नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा की। मैक्रों ने कहा कि ये देश भी “पूर्वी मोर्चे की सुरक्षा में समान रूप से सक्रिय” हैं।
Following the Russian drone incursions into Poland, I have decided to deploy three Rafale fighter jets to contribute to the protection of Polish airspace and of NATO’s Eastern Flank together with our Allies.
I made this commitment yesterday to the Polish Prime Minister.…
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) September 11, 2025
पोलैंड के उपप्रधानमंत्री राडोस्लाव सिकोरस्की ने हाल की घटना को रूस द्वारा जानबूझकर किए गए कृत्य के रूप में देखा। सीएनएन के अनुसार, उन्होंने बताया कि पोलैंड के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कई ड्रोन इसे स्पष्ट रूप से सुनियोजित हमला बनाते हैं। पोलैंड के आंतरिक मंत्री ने कहा कि देशभर में 16 ड्रोन देखे गए और उनके मलबे बड़े इलाके में फैले हुए थे।
हालांकि पोलैंड युद्ध की स्थिति में नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने संसद में चेतावनी दी कि वर्तमान हालात द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि देश अब ऐसे “दुश्मन” का सामना कर रहा है जो अपनी शत्रुतापूर्ण मंशा को छिपाता नहीं। इसके चलते पोलैंड ने नाटो संधि के अनुच्छेद 4 को लागू किया है, जो सदस्य देशों की सुरक्षा पर चर्चा और परामर्श करने की अनुमति देता है।
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NATO का अनुच्छेद 4 कहता है कि अगर किसी सदस्य देश को लगे कि उसकी क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा खतरे में है, तो सभी सदस्य देश मिलकर चर्चा करेंगे। अनुच्छेद 4 लागू होने पर नाटो के सदस्य उत्तरी अटलांटिक परिषद में इकट्ठा होकर परामर्श करते हैं। हाल ही में रूस पर आरोप लगा है कि उसने पोलैंड की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया। यह स्थिति तब पैदा हुई जब पोलैंड की सेना ने इस सप्ताह की शुरुआत में रूसी ड्रोन को मार गिराया, जो उनके हवाई क्षेत्र में घुस आए थे। इसके बाद पोलैंड ने नाटो के अनुच्छेद 4 को सक्रिय किया और सहयोगी देशों से खतरे पर चर्चा करने का अनुरोध किया।