विदेश मंत्री एस जय शंकर, (फोटो सोर्स) सोशल मीडिया
नई दिल्लीः केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पाकिस्तान के इस्मालाबाद से भारत के लिए लिए रवाना हो गए हैं। वह पाकिस्तान में आयोजित शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO)की 23वीं बैठक में हिस्सा लेने पाक के इस्लामाबाद गए हुए थे। विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते ठीक न होने के कारण बीते एक दशक से कोई भी विदेश मंत्री पाक दौरे पर नहीं गया था।
बता दें कि SCO की बैठक हर साल सदस्य देशों की मेजबानी में होता है। इस बार पाकिस्तान को मेजबानी मिली थी। इस बैठक में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेते हैं, लेकिन भारत का प्रतिनिधित्व SCO में इस बार विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कर रहे थे। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की बैठक में भाग लेने 2 दिवसीय दौरे पर इस्लामाबाद गए विदेश मंत्री ने 5 अहम मुद्दे उठाए।
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1. विदेश मंत्री ने कहा कि SCO के सामने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद तीन बड़ी चुनौतियां है। ये किसी भी देश के विकास में बाधा हैं। विकास के लिए इनसे लड़ना जरूरी है।
2.आतंकवाद और सीमा विवाद के मुद्दे को उठाते हुए जय शंकर ने बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान दोनों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के साथ व्यापार नहीं हो सकता है। इसके साथ उन्होंने कहा कि एक दूसरे के सीमाओं का सम्मान करना चाहिए।
3. केंद्रीय मंत्री ने UNSC में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि जब विकासशील देशों को इस संगठन में जगह मिलेगी तभी सुधार होगा। इसके लिए SCO सदस्य देशों को पहल करनी चाहिए। नोट-( भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UCSC) की सदस्यता के लिए काफी समय से प्रयासरत है)
4. वहीं पर्यावरण और स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि भारत ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल किए हैं। इसको सदस्य देश भी अपना सकते हैं।
5. भारत ने जंग और कोरोना को विकास में बाधा माना है। इसको लेकर जय शंकर ने कहा कि दुनिया कोरोना और जंग से जूझ रही है। जिसका असर विकास पर पड़ा है। क्लाईमेट चेंज से लेकर सप्लाई चेन तक कई मुश्किलें सामने आ रहीं है।
बता दें कि SCO 8 देशों का एक ग्रुप है। जिसकी स्थापना 2001 में चीन के शंघाई में हुई थी। शुरूआत में इस संगठन की सदस्यता पांच देशों के पास थी। जिसमें चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान शामिले थे। जिसके कारण इसे S5 Group भी कहा जाता था। इस संगठन की सदस्यता भारत को 2017 में मिली थी। भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी इस ग्रुप शामिल किया गया था। जिसके बाद सदस्य देशों की संख्या 8 हो गई। वर्तमान में इस ग्रुप में भारत, पाकिस्तान, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान देश हैं।