कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स- सोशल मीडिया)
Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। विनाशकारी भूकंप के बाद स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है और झटके थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center of seismology) के अनुसार गुरुवार को एक बार फिर अफगानिस्तान में 4.8 तीव्रता का भूकंप फिर आया।
बता दें कि 4 सितंबर को सुबह 10:40 बजे 135 किलोमीटर की गहराई पर आए इस भूकंप ने एक बार फिर लोगों को दहशत में डाल दिया है। अभी बचाव अभियान जारी है, लेकिन इस प्राकृतिक आपदा ने मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं, क्योंकि लगातार आ रहे ऐसे झटके न सिर्फ लोगों को डरा रहे हैं, बल्कि भारी नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। बुधवार की देर रात 23:53 बजे धरती हिली थी।
31 अगस्त को आए भूकंप के कारण अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। यहां के कुनार और नंगरहार प्रांतों में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस भयावह भूकंप में अब तक 1400 से ज़्यादा लोगों अपनी जान गवां चुके हैं, तो 3,000 से ज्यादा लोग घायल हैं।
यह भूकंप भयावह इसलिए भी था क्योंकि इसका केन्द्र पृथ्वी की सतह के बहुत करीब था। धरती की सतह के बहुत पास आने वाले भूकंप गहरे भूकंपों की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक होते हैं। उनकी तरंगों को सतह तक पहुंचने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ती है। जिसके चलते जमीन ज्यादा जोर से हिलती है।
इस भयानक आपदा के बाद, दुनिया भर से अफगानिस्तान में मदद पहुंचनी शुरू हो गई है। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) भी तुरंत हरकत में आया और प्रभावित इलाकों में आपातकालीन सहायता भेजी। शुरुआती मदद में खाने-पीने की चीजें और उच्च ऊर्जा वाले बिस्कुट शामिल हैं, ताकि ज़रूरतमंदों की भूख तुरंत मिटाई जा सके। जल्दी ही और राहत सामग्री और बचाव दल भेजे जाएंगे।
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WFP के क्षेत्रीय निदेशक, हेराल्ड मैनहार्ट ने कहा कि भूकंप के कारण स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने कहा, ‘घर मलबे में तब्दील हो गए हैं, सड़कें टूट गई हैं, जगह-जगह भूस्खलन हुआ है और दुख की बात है कि कई लोगों की जान चली गई है।’ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं और जैसे-जैसे ज़रूरतें बढ़ेंगी, वे अपनी मदद का दायरा बढ़ाएंगे।
इस बीच, भारत ने भी अफगानिस्तान की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बताया कि भारत द्वारा भेजी गई राहत सामग्री काबुल पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि हवाई मार्ग से 21 टन राहत सामग्री भेजी गई है, जिसमें कंबल, टेंट, सफाई किट, पानी की टंकियां, जनरेटर, रसोई के बर्तन, वाटर प्यूरीफायर, स्लीपिंग बैग, ज़रूरी दवाइयाँ, व्हीलचेयर और हैंड सैनिटाइजर जैसी चीजें शामिल हैं।