टिकटॉक को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया बड़ा बयान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
TikTok Ban: अमेरिका में टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने नया बयान दिया है। न्यू जर्सी में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें स्पष्ट नहीं है कि बैन हटाया जाएगा या नहीं, या इसकी समयसीमा बढ़ाई जाएगी। ट्रंप के अनुसार, इस मामले में फैसला चीन पर निर्भर करेगा। हालांकि, वे चीन के साथ टिकटॉक को लेकर जो प्रस्तावित समझौता है, उसकी समयसीमा को आगे बढ़ाने की संभावना नहीं देखते।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि टिकटॉक पर प्रतिबंध की तय समयसीमा 17 सितंबर को समाप्त हो रही है। अब तक इस समयसीमा को तीन बार बढ़ाया जा चुका है पहले जनवरी, फिर अप्रैल और उसके बाद जून में। अमेरिका ने टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस को जनवरी 2025 तक का समय दिया था कि या तो वे अमेरिकी हिस्सेदारी बेच दें या प्लेटफॉर्म बंद कर दें। अगर चीन की कंपनी इसे बेचने के लिए तैयार होती है, तो वे इस मामले में व्यवसायिक सौदे के लिए समय दे सकते हैं।
अमेरिका और दुनिया भर के युवा टिकटॉक ऐप का खूब इस्तेमाल करते हैं। अपने देश के युवाओं की पसंद को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रपति ट्रंप इस ऐप को खरीदने की इच्छा रखते हैं। वहीं, उन्हें यह चिंता भी है कि अगर चीन की यह ऐप अमेरिका में इस्तेमाल की अनुमति पाए, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। ऐप के जरिए अमेरिका के युवाओं का निजी डेटा लीक हो सकता है और उनका शोषण किया जा सकता है। यह ऐप 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में युवाओं तक पहुंच बनाने में भी अहम साबित हुई थी, इसलिए इसे खरीदकर अमेरिकी कंपनी बनाना उनका उद्देश्य है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस को चेतावनी दी है कि अगर कंपनी अमेरिका को नहीं बेची गई, तो वे अमेरिका में पूरी तरह से टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा देंगे। इसके तहत मोबाइल ऐप को सभी स्टोर्स से हटा दिया जाएगा और ऐप के पुराने वर्जन को अपडेट नहीं किया जाएगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच चल रही यह बातचीत डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की संभावित बैठक के लिए माहौल तैयार करने की कोशिश है। ट्रंप कई बार शी जिनपिंग से मिलने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं, लेकिन चीन का कहना है कि तब तक कोई बैठक आयोजित करने का मतलब नहीं है जब तक उस मुलाकात का परिणाम स्पष्ट न हो। अमेरिकी वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि चीन रूस की मदद कर रहा है, इसलिए G-7 देशों को चीन पर भी टैरिफ लगाने पर विचार करना चाहिए। अमेरिका का टैरिफ के मामले में दोहरा रवैया नजर आ रहा है। रूस से तेल खरीदने के लिए उसने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जबकि चीन पर ऐसा कदम नहीं उठाया। सोमवार को व्यापार वार्ता फिर से शुरू होगी। चीन का कहना है कि इस वार्ता का मुख्य मुद्दा अमेरिकी टैरिफ और टिकटॉक होना चाहिए।