विक्ट्री डे पर चीन ने दिखाई सैन्य ताकत, फोटो (सो. सोशल मीडिया )
China Military Parade: बुधवार को बीजिंग में चीन ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड का आयोजन किया। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर रखी गई थी। विक्ट्री-डे मिलिट्री परेड में चीन ने आधुनिक हथियारों और नई सैन्य तकनीकों का शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान दो बड़े सैन्य विमान पहली बार आधिकारिक रूप से चीनी सेना के बेड़े में शामिल होते नजर आए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने थियानमेन चौक से संबोधन करते हुए कहा कि चीन किसी भी तरह की धमकी से डरने वाला देश नहीं है और निरंतर प्रगति की राह पर आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने जनता से इतिहास को याद रखने और जापान के खिलाफ युद्ध में लड़े सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया।
परेड में शामिल चीन का हथियार
जिनपिंग के भाषण के बाद चीन ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया, जिसमें आधुनिक फाइटर जेट्स, मिसाइलें और नए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम प्रदर्शित किए गए। विक्ट्री डे परेड में पहली बार DF-61 और JL-3 जैसी अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक को सार्वजनिक रूप से सबके सामने लाया गया। इसके साथ ही इस परेड में परमाणु क्षमता से लैस लंबी दूरी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल थीं।
विक्ट्री डे परेड में शामिल महिला जवान
बीजिंग में आयोजित विक्ट्री डे परेड में चीन ने अपनी सैन्य शक्ति का शानदार प्रदर्शन किया। परेड में सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया DF-61 बैलिस्टिक मिसाइल ने, जो परमाणु वारहेड ले जाने और लंबी दूरी तक निशाना साधने में सक्षम है। इसके साथ ही JL-3 मिसाइल भी प्रदर्शित की गई, जिसे पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है और जिसकी पहुंच अमेरिका तक है।
चीन ने समुद्री युद्ध क्षमता दिखाने के लिए एंटी-शिप मिसाइलें भी पेश कीं। इसके अलावा, कॉम्बैट ड्रोन परेड का हिस्सा रहे, जो निगरानी और हमले दोनों मिशनों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। आधुनिक लेजर हथियार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी इस प्रदर्शन में शामिल थे। इन हथियारों के जरिए चीन ने दुनिया को अपने बढ़ते तकनीकी और रणनीतिक सामर्थ्य का संदेश दिया।
东风61陆基洲际导弹受阅 #VDayParade pic.twitter.com/V0XetOQ24r
— China Daily (@ChinaDaily) September 3, 2025
यह चीन की इतिहास की सबसे भव्य सैन्य परेड मानी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजिंग ने इस प्रदर्शन के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की कि वह अमेरिका का विकल्प बन सकता है और दुनिया में गैर-पश्चिमी देशों का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।
मिसाइल
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हथियारों की ताकत दिखाने वाली इस परेड में 25 विदेशी नेता मौजूद रहे। इनमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ-साथ ईरान, मलेशिया, म्यांमार, मंगोलिया, इंडोनेशिया, ज़िम्बाब्वे और मध्य एशियाई देशों के शीर्ष नेता शामिल हुए। भारत के पड़ोसी देशों से भी कई बड़े नेता पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भी परेड में शिरकत की।