भारत-रूस के 22वें शिखर सम्मेलन में शामिल होने मॉस्को होने पहुंचे पीएम मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस दौरे पर दुनिया भर की नजर बनी हुई। इसकी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध भी हो सकता है। पश्चिमि देश रूस का कड़ा विरोध कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन जिस भी राष्ट्र प्रमुख का दौरा करते हैं या राष्ट्र प्रमुखों के साथ बैठक करते हैं तो पश्चिमी देश इसमें खासकर अमेरिका को ज्यादा नागवार गुजरता है। वह इसका विरोध भी करता है। वर्तमान में रूस अमेरिका को आंख में कांटा की तरह चुभता है। तो भारत के साथ अमेरिका के संबंध मधुर है।
चीन का बयान
इन सबके साथ भारत और रूस की दोस्ती तो बच्चा- बच्चा जानता है कि दोनों मित्र देश हैं। पुराने समय से दोनों के बीच मजबूत संबंध है। जब से पीएम मोदी रूस पहुंचे है, तब से अमेरिका की नजर बनी हुई है। दूसरी ओर ये भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के रूस दौरे से चीन की टेंशन बढ़ गई है। उसे दोनों देशों की बैठक बिल्कुल रास नहीं आ रहा है। अब चीन ने भी पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।
पश्चिमी देशों की बढ़ी टेंशन
चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स अखबार के मुताबिक, चीन ने पीएम मोदी के रूस दौरे और इससे बढ़ने वाली पश्चिमी देशों की चितांओं पर बयान दिया है। चीन ने कहा है कि भारत साथ ही वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस से अच्छी दोस्ती से हमें नहीं बल्कि पश्चिमी देशों को परेशानी हो रही है। हमारी नहीं बल्कि पश्चिमी देशों की टेंशन बढ़ गई है।
पहली रूस यात्रा
बता दें कि पीएम मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल मे यह उनकी पहली रूस की यात्रा है। इस दौरान पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले और एक अनौपचारिक बैठक भी की, जिसमें उन्होंने खुलकर बात की। दोनों नेताओं की एक प्रतिनिधिमंडल बैठक हुई।
चीन ने और क्या कहा
पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात को लेकर चीन ने कहा कि कुछ पश्चिमी मीडिया इस यात्रा पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। चीन ने कहा कि रूस के चीन के साथ बढ़ते संबंध संभावित रूप से भारत और पश्चिमी देशों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। चीन ने आगे कहा कि मॉस्को के साथ नई दिल्ली के गहरे होते संबंध पश्चिम देशों की बढ़ती चिंताओं को उजागर कर रहा है।