अमेरिका से 104 डिपोर्ट भारतीयों को लेकर पहुंचा C-17 विमान पहुंचा अमृतसर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीय नागरिकों को लेकर C-17 सैन्य विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा।
इन नागरिकों में पंजाब, गुजरात और हरियाणा के लोग शामिल हैं। विमान की लैंडिंग के दौरान अमृतसर के पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे। एयरपोर्ट स्थित एविएशन क्लब में सभी डिपोर्ट किए गए भारतीयों के बैकग्राउंड की जांच की गई।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद यह प्रवासियों के खिलाफ की गई पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। विमान की लैंडिंग के दौरान पंजाब पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी।
अमेरिका में भारतीय दूतावास द्वारा जारी की गई निर्वासन सूची के अनुसार, भारत के विभिन्न राज्यों के 104 नागरिकों को अमेरिका से निकाला गया है। इनमें गुजरात के 33, पंजाब के 30, हरियाणा के 33, उत्तर प्रदेश के 3, महाराष्ट्र के 3 और चंडीगढ़ के 2 नागरिक शामिल हैं। निर्वासित किए जाने वालों में 12 बच्चे जो 18 साल से कम उम्र के हैं और लगभग 24 महिलाएं शामिल हैं।
मंगलवार को एक अमेरिकी अधिकारी ने पुष्टि की थी कि भारतीय नागरिकों को लेकर एक C-17 विमान भारत के लिए रवाना हो चुका है। यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा से पहले हुई है, जहां वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हाल ही में एक बातचीत हुई थी, जिसमें वैश्विक शांति, सुरक्षा और इमिग्रेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। ट्रंप ने इस बातचीत का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होंने मोदी के साथ इमिग्रेशन को लेकर विचार-विमर्श किया, और उन्हें भरोसा है कि भारत अवैध प्रवासियों को वापस लेने के मामले में सही कदम उठाएगा। भारत ने अमेरिका को आश्वासन दिया है कि वह अवैध प्रवास से निपटने में पूरा सहयोग करेगा और ऐसे प्रवासियों को वापस लेने में मदद करेगा।
अमेरिका से बड़ी संख्या में लोगों को वापस भेजा जा रहा है, जिनमें ज्यादातर लोग एजेंटों के माध्यम से अवैध रूप से वहां पहुंचे थे। ये एजेंट प्रति व्यक्ति 35 से 40 लाख रुपये लेकर मैक्सिको, पनामा और अन्य जंगलों के खतरनाक रास्तों से अमेरिका में गैर-कानूनी तरीके से प्रवेश करवाते हैं। हालांकि, कई लोग इस सफर में अपनी जान गंवा देते हैं, क्योंकि वे भूख-प्यास और कठिन परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाते।