भारत ने लगाई मोहम्मद यूनुस को कड़ी फटकार
नई दिल्ली: बांग्लादेश के दिनाजपुर में 58 वर्षीय हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिसे लेकर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को एक्स पर इस घटना को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत इस नृशंस हत्या से स्तब्ध और आहत है। यह घटना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कार्यकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों के लगातार हो रहे उत्पीड़न की ओर इशारा करती है, जबकि पूर्व की ऐसी घटनाओं के दोषी अब तक सजा से बचते रहे हैं।
भारत ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वह किसी भी प्रकार की टालमटोल या भेदभाव किए बिना अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय, की सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत ने यह भी याद दिलाया कि बांग्लादेश सरकार की यह संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह देश के सभी नागरिकों को बराबरी की सुरक्षा प्रदान करे।
We have noted with distress the abduction and brutal killing of Shri Bhabesh Chandra Roy, a Hindu minority leader in Bangladesh.
This killing follows a pattern of systematic persecution of Hindu minorities under the interim government even as the perpetrators of previous such… — Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 19, 2025
बांग्लादेश के दिनाजपुर ज़िले के बसुदेवपुर गांव में गुरुवार को 58 वर्षीय हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की बेरहमी से हत्या कर दी गई। वह बांग्लादेश पूजा उडजापन परिषद की बिराल शाखा के उपाध्यक्ष थे। रिपोर्ट के अनुसार, शाम करीब 4:30 बजे उन्हें एक फोन कॉल आया, उस वक्त वह अपने घर पर ही थे। लगभग आधे घंटे बाद, दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार हमलावर उनके घर पहुंचे और उन्हें जबरन अपने साथ ले गए। उन्हें नाराबारी गांव ले जाकर बेरहमी से पीटा गया।
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गंभीर रूप से घायल होने के बाद जब उन्हें घर लाया गया और अस्पताल ले जाया गया, तब डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भाबेश चंद्र रॉय को स्थानीय हिंदू समुदाय की मुखर आवाज के रूप में जाना जाता था। इस हत्या को एक सुनियोजित नफरत से प्रेरित अपराध माना जा रहा है।
भारत सरकार ने बांग्लादेश द्वारा पश्चिम बंगाल में कथित चुनावी हिंसा पर की गई टिप्पणी को खारिज करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि बांग्लादेश को भारत को नसीहत देने के बजाय अपने देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। यह प्रतिक्रिया बांग्लादेश को उसके दोहरे मापदंडों की ओर स्पष्ट इशारा है।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इन घटनाओं की संख्या और निर्ममता में तेज़ इज़ाफा देखने को मिला है। विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक, 2021 से अब तक हजारों मंदिरों, घरों और दुकानों पर हमले किए गए हैं। इन हमलों के पीछे अक्सर अपराधियों को मिलने वाला राजनीतिक संरक्षण और प्रशासन की निष्क्रियता जिम्मेदार मानी जाती है। भारत सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाती रही है।