अरब शिखर सम्मेलन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
बगदाद: राजधानी बगदाद में शनिवार को आयोजित वार्षिक अरब शिखर सम्मेलन में शामिल नेताओं ने गाजा पट्टी में युद्धविराम स्थापित करने की कोशिशों को आगे बढ़ाने और युद्ध के बाद क्षेत्र के पुनर्निर्माण में सहायता करने का संकल्प लिया। यह सम्मेलन तब आयोजित हुआ जब इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष अपने उच्चतम स्तर पर है और हाल ही में दोनों पक्षों के बीच सीधे वार्तालाप विफल हो चुके हैं।
इस शिखर सम्मेलन में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी समेत कई अन्य अरब नेताओं ने भाग लिया। इसके अलावा, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने गाजा में मानवीय सहायता के बिना रोक-टोक पहुंचाने और इजरायली बंधकों को जल्द से जल्द रिहा करने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनियों के जबरन विस्थापन को स्वीकार नहीं करता। याद रहे कि जनवरी में इजरायल ने हमास के साथ हुई युद्धविराम की शांति तोड़ दी थी, जिसके बाद गाजा में इजरायली हमलों में तेजी आई है। पिछले 72 घंटों में 250 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
इराक ने एक अरब डॉलर के क्षेत्रीय पुनर्निर्माण कोष की घोषणा की है, जिसमें गाजा के लिए 20 मिलियन डॉलर और लेबनान के लिए 20 मिलियन डॉलर की मदद शामिल होगी। मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी ने बताया कि उनका देश अमेरिका और कतर के साथ मिलकर युद्धविराम के लिए सक्रिय बातचीत कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इसी प्रयास के तहत इजरायली मूल के अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर को रिहा किया गया। इसके अलावा, मिस्र गाजा के पुनर्निर्माण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहा है।
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फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हमास से अनुरोध किया है कि वे गाजा में अपना शासन खत्म कर दें और अपने हथियार फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दें। इससे एक संयुक्त सरकार बनाने का रास्ता खुल सकेगा। 2007 से हमास गाजा पर नियंत्रण रखे हुए है, और अब्बास की सरकार के साथ कई बार मेलजोल की कोशिशें असफल रही हैं।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को पूरी तरह खत्म करने का दृढ़ संकल्प जताया है। दूसरी ओर, इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने इसे इतिहास के किसी भी संघर्ष से भी अधिक भयावह नरसंहार करार दिया है। उन्होंने गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने की भी मांग की है।