रतन टाटा
वाशिगटन: अमेरिका ने बुधवार को वरिष्ठ भारतीय उद्योगपति रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। अमेरिका ने कहा कि उन्हें भारत को अधिक समृद्धि और विकास की ओर अग्रसर करने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया। यहां के तमाम संस्थानों आईटी कंपनियाें से लेकर विश्वविद्यालय और सामाजिक संस्थाओं तक ने रतन टाटा के निधन पर शोक संवेदना प्रकट किया है।
आधुनिक बिजनेस का मार्गदर्शन किया
गूगल और अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने वेमो (Waymo) की प्रगति के बारे में बात की और उनका दृष्टिकोण प्रेरणादायक था। पिचाई ने कहा कि वे एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) के अध्यक्ष अतुल केशप ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि पद्म विभूषण से सम्मानित व्यक्ति भारत के अद्वितीय और महान पुत्र, कुलीनता और उदारता के आदर्श थे। इंडियास्पोरा के संस्थापक एम.आर. रंगास्वामी ने कहा कि इंडियास्पोरा समुह अत्यंत दुखी है। बेहद दुखी मन के साथ संस्थान रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करता है। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि उद्योग जगत में उनके असाधारण योगदान और सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया पर अमिट छाप छोड़ी है।
कॉर्नेल विश्वविद्यालय के दुनिया के सबसे बड़े देनदाता
कॉर्नेल विश्वविद्यालय ने कहा कि टाटा ने यहीं से स्नातक किया था और वह इस विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़े दानदाता बन गए। विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष माइकल आई. कोटलिकॉफ ने कहा कि रतन टाटा ने भारत, कॉर्नेल और पूरे विश्व में एक असाधारण विरासत छोड़ी है।
कॉर्नेल विश्वविद्यालय से किए थे स्नातक
कॉर्नेल विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, आर्ट एंड प्लानिंग के डीन जे. मीजिन यून ने कहा कि रतन टाटा ने आर्किटेक्चर में डिग्री के साथ कॉर्नेल से स्नातक किया है। हालांकि तब यह कल्पना करना मुश्किल था कि उनके दूरदर्शी लीडरशिप, परोपकार और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का वैश्विक प्रभाव कई क्षेत्रों में होगा। इसके अलावा शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में उनका योगदान अहम होगा यह कह पाना मुश्किल था।
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बता दें कि रतन टाटा 2006 से 2022 तक तीन बार कॉर्नेल के न्यासी रहे। उन्हें 2013 में कॉर्नेल का ‘आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर’ नामित किया गया था। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा (86) ने एक छोटे से समूह को भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक में बदल दिया। उनका दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बीते दिन यानी बुधवार रात निधन हो गया था।