बंगाल सरकार ने स्कूल कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगाई
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ाने लगी है। हाल ही में बंगाल के लगभग 26000 शिक्षकों की भर्ती को रद्द करने के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा था, इस दौरान अब स्कूल कर्मचारियों के ट्रांसफर पर भी बंगाल सरकार ने सरकार ने फिलहाल अस्थायी रोक लगा दी है। इसमें सरकार की ओर से संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के 374 स्कूल कर्मचारियों को दूरदराज में ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी गई है।
कर्मचारियों के ट्रांसफर का कारण फिलहाल ये बताया जा रहा है कि स्कूलों में आवश्यकता से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे, लेकिन फिलहाल इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। संख्या अधिक होने के कारण स्कूलों में कर्मचारियों की संख्या में असंतुलन स्थापित हो रहा था जिस कारण से सरकार ने पहले ट्रांसफर किए जाने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद बंगाल सरकार का निर्णय
पश्चिम बंगाल सरकार ने ये निर्णय निर्णय लेने का कोई अधिकारिक कारण नहीं बताया है। यह कदम ऐसे समय में लिया गया है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यरत 25,753 शिक्षकों समेत अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध घोषित करने के साथ चयन प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण और विकृत घोषित कर दिया था। इसके बाद बंगाल सरकार ने स्कूल स्टाफ के ट्रांसफर के आदेश को फिलहाल के लिए रोक दिया है।
अब तक 605 स्कूल कर्मचारियों का हो चुका है ट्रांसफर
शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के 605 कर्मचारियों के ट्रांसफर की प्रतिक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के बाद कई स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों का संकट खड़ा हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से कर्मचारियों और शिक्षकों में निराशा है।
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शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होने से लड़खड़ाएगी व्यवस्था
स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के रद्द होने के बाद शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ा सकती है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए ममता सरकार को जल्द ही कोई निर्णय लेना होगा। एक साथ 25 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द होने के बाद प्रदेश भर में परेशानी खड़ी हो जाएगी।