
गृह मंत्रालय (File Photo)
West Bengal CEO Manoj Aggrawal Security: पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज अग्रवाल को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से Y+ कैटेगरी की विशेष सुरक्षा देने का आदेश जारी किया गया है। अब, सीआईएसएफ (Central Industrial Security Force) के जवान चौबीसों घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। यह कदम खुफिया विभाग की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है।
27 दिसंबर 2025 से पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और इसी संदर्भ में गृह मंत्रालय ने मनोज अग्रवाल को सुरक्षा प्रदान की है। SIR प्रक्रिया को लेकर राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, खासकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद विरोध की कमान संभाली, और उनका आरोप था कि SIR के माध्यम से वैध वोटरों के नाम काटे जाने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि, चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया और इन्हें खारिज कर दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं, और इस दौरान मतदान सूची की पुनरीक्षण प्रक्रिया एक अहम मुद्दा बन गई है। राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर घमासान जारी है, और चुनाव आयोग ने इसे सही ढंग से संचालित करने की बात कही है।
मनोज अग्रवाल 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। मार्च 2025 में चुनाव आयोग ने उन्हें पश्चिम बंगाल का नया मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया था। मनोज अग्रवाल के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव होंगे, और चुनाव बाद वह जुलाई 2026 में रिटायर हो जाएंगे।
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इससे पहले, वह बंगाल के खाद्य और आपूर्ति विभाग के सचिव रह चुके हैं। खाद्य विभाग के सचिव के तौर पर उनके कार्यकाल में, 2018 में उन्होंने PDS में गड़बड़ियों के मामले में अधिकारियों से FIR दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद उन्हें “हटा दिया गया” था। अक्टूबर 2023 में, तत्कालीन खाद्य और आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को CBI ने राशन वितरण में गड़बड़ियों के आरोप में गिरफ्तार किया था।






