फिरहाद हकीम (सोर्स - सोशल मीडिया)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने एक कार्यक्रम में भाग लिया, कार्यक्रम में एक वरिष्ठ मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के जाने-माने नेता फिरहाद हकीम की टिप्पणी पर विरोध जताते हुए आज उन्हें कार्यक्रम से बहिर्गमन यानी बाहर निकाल दिया। भाजपा के विधायकों ने हकीम के द्वारा किए गए इस प्रकार के टिप्पणी पर घोर नाराजगी जताई है। नेताओं ने टिप्पणी का विरोध किया कि गैर-मुसलमानों के बीच इस्लाम का प्रसार करने की जरूरत नहीं है। भाजपा के विधायकों ने इसे लेकर तीन बार उन्हें बाहर निकाला है।
शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने दावा किया कि उनकी टिप्पणियों का राजनीति और समाज से कोई संबंध नहीं है और वह धर्म निरपेक्ष बने रहेंगे। मुख्य सचेतक शंकर घोष के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने मांग की कि हकीम अपनी टिप्पणी वापस लें, लेकिन हकीम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं हमेशा धर्म निरपेक्ष व्यक्ति रहा हूं। धार्मिक कार्यक्रम में मैंने जो भी टिप्पणी की है, उसका राजनीति और समाज से कोई लेना-देना नहीं है, मैं अपनी आखिरी सांस तक धर्म निरपेक्ष और गैर-सांप्रदायिक बना रहूंगा।
कोलकाता के महापालिकाध्यक्ष हकीम के भाषण के बीच, भाजपा विधायकों ने तीसरी बार सदन से बहिर्गमन किया। इसे असंवैधानिक और बेमिशाल करार देते हुए अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने भाजपा के विधायकों से विधानसभा की मर्यादा का पालन करने का आग्रह किया, जबकी टीएमसी विधायकों ने भाजपा विधायकों के बार-बार बहिर्गमन करने का विरोध भी किया।
कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि अपने 30 साल से ज़्यादा के राजनीतिक करियर में उन्होंने कभी किसी विपक्षी पार्टी को इस तरह से काम करते नहीं देखा। चट्टोपाध्याय ने कहा, किसी व्यक्ति द्वारा बाहर किसी कार्यक्रम में की गई टिप्पणी का सदन से कोई संबंध नहीं है। इस पर यहां चर्चा नहीं होनी चाहिए, उन्होंने दावा किया कि बंगाल के लोग 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को राज्य से बाहर कर देंगे।
इस महीने की शुरुआत में आयोजित ‘ऑल इंडिया कुरान प्रतियोगिता’ में हकीम की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया था। हकीम ने कहा था। जो लोग इस्लाम में पैदा नहीं हुए हैं वे बदकिस्मत हैं। वे बदकिस्मती लेकर पैदा होते हैं। हमें उन्हें इस्लाम के दायरे में लाना होगा।