ममता बनर्जी, फोटो - सोशल मीडिया
कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा निर्देश दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को 25 फीसदी महंगाई भत्ता यानी DA देने का निर्देश दिया है। बंगाल सरकार को निर्देश दिया गया कि वह तीन महीने के अंदर राज्य सरकार के कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ते (DA) का 25 प्रतीशत भुगतान करे। बता दें, यह आदेश जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा जारी किया गया है।
दरअसल, जस्टिस संजय करोल और संदीप मेहता की पीठ ने अंतरिम आदेश जारी कर पश्चिम बंगाल सरकार को तीन महीने के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई अगस्त में तय की गई है। पश्चिम बंगाल की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल अपने राज्य बजट भाषण के दौरान 4 प्रतिशत डीए बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिसके बाद बंगाल सरकार के कर्मचारियों को 18 प्रतिशत डीए मिलन शुरू हो गया।
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य सरकार के कर्मचारियों ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। राज्य सरकार के कर्मचारियों ने कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला दायर कर केंद्र सरकार की दर के बराबर डीए और लंबित डीए के भुगतान की मांग की। 20 मई 2022 को हाईकोर्ट ने राज्य को केंद्रीय दर के बराबर 31 फीसदी डीए देने का आदेश दिया था। मौजूदास समय में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 55 फीसदी डीए मिलता है।
हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने नवंबर 2022 में अपील दायर कर इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ मौकों पर डीए बढ़ोतरी की घोषणा की है, पर ध्यान देने वाली बात यह है कि वे केंद्रीय दरों से मेल नहीं खाते हैं और 37 फीसदी का अंतर अभी भी कायम है।
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डीए का मामला 28 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और एक दिसंबर 2024 से अब तक 18 बार सुनवाई टल चुकी है। शुक्रवार, 16 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है। राज्य सरकार को लंबित डीए का 25 फीसदी भुगतान करने को कहा गया है, बाकी अगली सुनवाई में भुगतान किया जाएगा।