
गीता पाठ के जवाब में अब बंगाल में 1 लाख लोगों के बीच कुरान पढ़ाई जाएगी
West Bengal Geeta-Quran Religious Politics: पश्चिम बंगाल की राजनीति में धर्म और सियासत का एक नया और गर्मागर्म अध्याय शुरू हो गया है। राजधानी कोलकाता में जहां एक ओर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की मौजूदगी में लाखों लोग भगवदगीता का पाठ करने के लिए जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ मुर्शिदाबाद से एक बड़ी खबर सामने आई है। टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने अब खुल्लम-खुल्ला ऐलान कर दिया है कि वह गीता पाठ के जवाब में एक लाख लोगों के साथ कुरान का पाठ करेंगे। इस घोषणा ने राज्य के सियासी पारे को अचानक बहुत बढ़ा दिया है।
कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में सनातन संस्कृति संसद द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी है। यहां पांच लाख लोगों के साथ भगवदगीता पाठ का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें शामिल होने के लिए विभिन्न मठों और हिंदू धार्मिक संस्थानों से संत और आध्यात्मिक गुरु पहुंचे हैं। बाबा बागेश्वर यानी धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री भी 7 दिसंबर को कोलकाता पहुंच चुके हैं। हालांकि उनकी कथा पहले से प्रस्तावित थी, लेकिन मौजूदा माहौल में उनके वहां पहुंचने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और हर किसी की नजर इसी आयोजन पर टिकी है।
मुर्शिदाबाद जिले के रेजिनगर में रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए हुमायूं कबीर ने अपनी आगे की योजना स्पष्ट कर दी है। उन्होंने बताया कि वह आगामी फरवरी महीने में एक लाख लोगों को इकट्ठा करेंगे और कुरान ख्वानी यानी कुरान का पाठ आयोजित करेंगे। विधायक कबीर ने यह भी वादा किया है कि इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों के लिए मांस और चावल के भव्य भोज का इंतजाम किया जाएगा। उनका यह कदम सीधे तौर पर कोलकाता में हो रहे गीता पाठ के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, जिससे चुनावी मौसम में धार्मिक ध्रुवीकरण बढ़ने के आसार हैं।
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बात सिर्फ कुरान पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि मामला और आगे बढ़ गया है। हुमायूं कबीर ने शनिवार 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर ही एक नई मस्जिद की नींव रख दी है। इस दौरान वहां दो लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे और भीड़ के लिए बिरयानी की व्यवस्था की गई थी। कबीर का दावा है कि तीन साल के भीतर बाबरी मस्जिद के निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा। चूंकि अगले चार से पांच महीनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए हुमायूं कबीर को लेकर भाजपा और टीएमसी एक-दूसरे पर हमलावर हैं और माहौल तनावपूर्ण होता जा रहा है।






