
पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी। इमेज-सोशल मीडिया
Yogi Adityanath PM Demand: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद इस पद के अगले दावेदार के लिए फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम आया है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर अंतर्गत मोरना में आयोजित सनातन धर्म संसद में सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की गई है। धर्म संसद में योगी को प्रधानमंत्री का विकल्प बताया गया है।
हिंदू धर्म संघर्ष समिति की ओर से रविवार को शुक्रतीर्थ के हनुमान धाम में धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में साधु-संतों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ को पीएम बनाने और देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठाई गई। धर्म संसद ने 12 प्रस्तावों को पारित किया।
धर्म संसद का उद्घाटन कार्यक्रम के संयोजक महामंडलेश्वर स्वामी केशवानंद महाराज ने किया। महामंडलेश्वर प्रबोधानंद महाराज ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व मानवता के लिए कराह रहा है। विश्व की निगाह भारत पर टिकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्व को शांति की राह केवल सनातन दिखा सकता है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि देश के 9 राज्यों में वर्तमान में हिंदू अल्पसंख्यक हो गया है। देश के 2000 में से 500 जिलों में मुस्लिम बहुसंख्यक हो गए हैं।
स्वामी प्रबोधानंद ने कहा, देश की 1500 तहसीलें मुस्लिम बाहुल्य हो गई हैं। एक हिंदू पर हमले को सभी हिंदू पर माना जाए। हरिद्वार धर्म संसद के बाद साधु-संतों पर दर्ज केसों का जिक्र भी इस धर्म संसद में किया गया। संतों ने कहा कि यह सब स्वयं को हिंदुओं की हितैषी कहने वाली सरकार में हुआ। महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद महाराज ने योगी आदित्यनाथ का नाम, जब प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तुल किया तो सभागार जोरदार नारों से गूंज गया। जय-जय श्रीराम और योगी बाबा की जय के नारे जोरदार तरीके से लगे। नाजिया इलाही के जोशीले संबोधन के बाद भी सभागार नारों से गूंजता रहा।
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स्वामी प्रबोधानंद ने कहा कि 1947 में देश का बंटवारा हुआ। समझौते के अनुसार, मुस्लिमों के लिए अलग देश बनाया गया था। भारत हिंदुओं का देश है। यह हिंदू राष्ट्र है और रहेगा। केवल इसकी घोषणा बाकी है। इसके लिए जिस साहस की आवश्यकता है, वह केवल योगी आदित्यनाथ जैसे संत में है, इसलिए उन्हें अब प्रधानमंत्री बनाया जाए। धर्म संसद में महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज, महामंडलेश्वर मैत्रेयी गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज, आचार्य विष्णु महाराज ने हिंदुओं की घटती आबादी पर चिंता जताई। जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी जोर दिया।






