प्रतीकात्मक फोटो- बाढ़ (फोटो- सोशल मीडिया)
Yamuna water level News: आसमानी आफत से पूरा उत्तर भारत परेशान है। कई राज्य बाढ़ से जूझ रहे हैं। यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। युमना नदी में खतरे निशान 205.33 मीटर पर है, लेकिन जलस्तर 207.27 मीटर है। ऐसे में आज की रात हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लिए काफी भारी होने वाली है। अगर रात में जलस्तर और बढ़ा तो भारी तबाही मच सकती है।
यमुना के रौद्र रूप को देखते हुए हुए केंद्रीय जल आयोग ने ताजा बाढ़ पूर्वानुमान जारी करते हुए कई विभागों और एजेंसियों को सतर्क रहने और जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। इस एडवाइजरी को बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन से जुड़ी प्रमुख एजेंसियों के साथ साझा किया गया है।
केंद्रीय जल आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा, “दिल्ली के उत्तरी जिले में दिल्ली रेलवे ब्रिज पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार गंभीर बना हुआ है। यहां यमुना 207.27 मीटर के स्तर पर बह रही है और इसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है, जो इसके खतरे के स्तर 205.33 मीटर से 1.94 मीटर ऊपर है।”
यमुना नदी बढ़े जलस्तर के कारण हरियाणा, दिल्ली और यूपी के कई इलाकों में पानी भर गया है। कई राज्यों में जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राहत बचाव कार्य जारी है। आज की रात तीनों राज्य के लिए भारी पड़ने वाली है। अगर जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा तो पानी तबाही मचा सकता है। बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही हिमाचल और पंजाब हुई है। केंद्र सरकार ने हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है। वहीं पंजाब में केंद्र और राज्य की राहत बचाव टीमें दिन रात काम कर रहीं हैं।
बता दें कि दिल्ली में साल 2010 में यमुना का जलस्तर 207.11 मीटर पहुंच गया था। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, 3 सितंबर को दोपहर 3 बजे दिल्ली के रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 207.09 मीटर दर्ज किया गया। अनुमान है कि यह जलस्तर बढ़ते हुए शाम 8 बजे तक 207.40 मीटर तक पहुंच सकता है। यह जलस्तर खतरे के निशान से कहीं ऊपर है और यदि यह प्रवृत्ति बनी रही तो आने वाले घंटों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।
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यमुना नदी के लिए 204.50 मीटर जलस्तर को चेतावनी स्तर माना जाता है। अगर यह 205.33 मीटर पर पहुंच जाए, तो इसे खतरे का स्तर माना जाता है। 13 जुलाई 2023 को उच्चतम बाढ़ स्तर 208.66 मीटर रिकॉर्ड किया गया था। केंद्रीय जल आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि वजीराबाद और ओखला बैराज से पानी की रिलीज जलस्तर को और प्रभावित कर सकती है। ऐसे में स्थिति को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है।
प्रशासन ने संबंधित विभागों को सतर्क रहने को कहा है। साथ ही, नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों से संपर्क करने की सलाह दी गई है और संबंधित विभागों को एडवाइजरी भेज दी गई है।