
भेड़िया और लापता बच्ची।
Wolf Terror in Bahraich: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़िया का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा। कैसरगंज की ग्राम पंचायत गोडहिया में मजरा जरूवा इलाके में शनिवार सुबह घर के बरामदे में मां के साथ सो रही एक वर्षीय बच्ची को भेड़िया दबोच कर गन्ने के खेत में भाग निकला। परिवारजन ने शोर मचाया तो ग्रामीण एकत्रित हो गए, तब तक भेड़िया आंखों से ओझल हो गया। घटना बाद इलाके में दहशत का माहौल है। सूचना पाकर पुलिस और वन विभाग की टीम ग्रामीणों के साथ बच्ची की तलाश में इलाके में सर्च आपरेशन चला रही।
जरूवा निवासी रामकुमार की एक वर्षीय बेटी आरवी अपनी मां राम कुमारी के साथ घर के बरामदे में सो रही थी। अचानक भेड़िया आया और बच्ची को जबड़े मे दबोच लिया। बच्ची के रोने की आवाज सुनते महिला की नींद टूटी तो बेटी को भेड़िया के जबड़े में देख शोर मचाने लगी। शोर-शराबा सुनकर जब तक परिवारजन और ग्रामीण एकत्रित हुए, तब तक भेड़िया बच्ची को जबड़े में दबोचकर भाग निकला।
ग्रामीणों के पीछा करने पर भेड़िया गन्ने के खेत में घुस गया। राम कुमारी शुक्रवार को अपनी ससुराल नयापुरवा से मायके जरूवा आई थी। शनिवार को यह घटना घट गई। जानकारी मिलने पर कोतवाल कैसरगंज बृजेंद्र कुमार मिश्र भी मौके पर पहुंच गए। भेडिए की तलाश में वन विभाग की टीम जुटी है।
इसी इलाके में 5 दिन पहले भी भेड़िए ने एक मासूम बच्चे को उठा लिया था। उसके शरीर के कुछ अवशेष कई घंटे बाद खेत में मिले थे। लगातार हो रही इन घटनाओं से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों में आक्रोश और भय दोनों बढ़ता जा रहा है।
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अक्टूबर 2024 में बहराइच जिले की महसी तहसील के 50 गांव में आदमखोर भेड़ियों के झुंड का आतंक था। इस झुंड के आखिरी भेड़िए को रामगांव थानांतर्गत तमाचपुर गांव में 5 अक्टूबर को ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला था। बहराइच के प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया था कि मारा गया भेड़िया आदमखोर भेड़ियों के झुंड का वही छठा और अंतिम सदस्य है, जिसकी वन विभाग को तलाश थी।






