अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
लखनऊ: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में इस बार एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला जब छात्रों को पहली बार प्रशासन की अनुमति के साथ परिसर के अंदर होली खेलने का मौका मिला। वर्षों से चली आ रही मांग और राजनीतिक बहस के बीच AMU प्रशासन ने NRSC (नॉन-रेजिडेंशियल स्टूडेंट्स सेंटर) क्लब में 12 से 3 बजे तक होली खेलने की विशेष अनुमति दी। इस आयोजन में सैकड़ों छात्रों ने रंग-गुलाल उड़ाते हुए जश्न मनाया और आपसी सौहार्द का संदेश दिया। AMU में पहली बार इस तरह के आयोजन से छात्रों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला, वहीं कुछ वर्गों में इस फैसले को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी आईं।
AMU में होली खेलने की माँग लंबे समय से उठ रही थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसकी अनुमति नहीं दी जाती थी। हाल ही में छात्रों की इस मांग ने जोर पकड़ा और इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी देखने को मिली। ऐसे में प्रशासन ने छात्रों को नियंत्रित माहौल में होली मनाने की अनुमति दी, जिससे न केवल उनकी भावनाओं का सम्मान हुआ, बल्कि सांस्कृतिक सौहार्द का भी परिचय मिला।
AMU प्रशासन और पुलिस ने इस आयोजन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। खासतौर पर NRSC क्लब के आसपास सख्ती बरती गई ताकि कोई बाहरी व्यक्ति परिसर में प्रवेश न कर सके। कार्यक्रम में केवल AMU के छात्रों को ही शामिल होने की इजाजत थी, और प्रॉक्टोरियल टीम लगातार निगरानी कर रही थी कि कोई अप्रिय घटना न हो।
छात्रों के मुताबिक यह एक ऐतिहासिक दिन था। एक छात्र ने कहा, “पहली बार प्रशासन की अनुमति के साथ हमने अपने ही परिसर में होली खेली। यह पहल आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देगी।” हालांकि, कुछ छात्रों का मानना है कि यह अनुमति पहले ही मिलनी चाहिए थी।
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छात्र नेता अखिल कौशल ने कहा, “AMU से पूरे देश को यह संदेश जाएगा कि बहुत कुछ बदलने वाला है। यह आयोजन AMU में भाईचारे को मजबूत करेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि 13 और 14 मार्च को अवकाश था, इसलिए अधिकांश छात्र अपने घर लौट गए थे। इसके बावजूद करीब 40-50 छात्र होली खेलने पहुंचे और इस उत्सव का हिस्सा बने।
AMU के प्रोफेसर बी. बी. सिंह ने इस आयोजन पर कहा कि “परमिशन उसी चीज़ की दी जाती है, जो प्रतिबंधित हो। AMU में हमेशा से होली खेली जाती रही है, और इस बार भी खेली जा रही है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आयोजन AMU के छात्रों तक ही सीमित था और किसी बाहरी व्यक्ति को शामिल नहीं होने दिया गया।
AMU में पहली बार इस तरह की अनुमति मिलने से छात्रों में नया जोश और सकारात्मक माहौल देखने को मिला है। यह आयोजन आने वाले वर्षों में एक नई परंपरा की शुरुआत कर सकता है।