
संभल में मस्जिद का सर्वे करने गई टीम का विरोध
संभलः एक बड़ी खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान एक बड़ा बवाल होने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह 6 :50 बजे हिंदू पक्ष के अधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता के साथ डीएम-एसपी, एसडीएम मस्जिद के अंदर सर्वे के लिए पहुंचे हैं।
आज सुबह इस टीम को पहुंचते देख मुस्लिम समुदाय के लोग आक्रोशित होकर इस सर्वे का विरोध करने लगे। वहीं पुलिस ने जब उनको रोकने का प्रयास किया तो लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। फिलहाल यहां स्थिति बेहद तनाव पूर्ण बनी हुई है।
यहां आज इतना भयंकर बवाल हुआ कि, पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। हालात फिलहाल बेकाबू हैं। करीब 2 घंटे से गलियों में जगह-जगह यहां-वहां से पथराव हो रहा है। वहीं उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों को फूंक दिया। मौके पर डीएम और एसपी भी मौजुद हैं। वहीं मुरादाबाद से डीआईजी मुनिराज जी मौके पर पहुंच गए हैं।
इस बाबत संभल के DM राजेंद्र पेन्सिया ने कहा कि शाही मस्जिद के सर्वे पूरा हो गया है। सर्वेक्षण दल को सुरक्षित निकाल भी लिया गया है। स्थिति को नियंत्रण में लाया जा रहा है। शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब किसी भी अराजक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा।”
#WATCH | Uttar Pradesh: Vehicles set on fire in Sambhal where an incident of stone pelting took place when a survey team arrived at the Shahi Jama Masjid to conduct a survey of the mosque. Police used tear gas to control the situation. pic.twitter.com/QUJE7X4hN4 — ANI (@ANI) November 24, 2024
जानकारी दें कि, संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर ही यहां की जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है। दरअसल ऐसा दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है।
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इसके पहले बीते 19 नवंबर को उत्तर प्रदेश में संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये थे।
#WATCH | Uttar Pradesh: Sambhal SP Krishan Kumar reached the spot where an incident of stone pelting took place when a survey team arrived at the Shahi Jama Masjid to conduct a survey of the mosque. pic.twitter.com/tx2CymQaLX — ANI (@ANI) November 24, 2024
तब अदालत ने कहा था कि, कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए। उन्होंने कहा, ”सम्भल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता।”
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वहीं जैन ने कहा था कि,‘‘वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है। ” उन्होंने कहा कि इस मामले में एएसआई, उत्तर प्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है।
इस बाबत संभल से सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा था कि, “संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। 1991 में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर ही रहेंगे। उसके बाद भी कुछ लोग देश और प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं। हम उनके खिलाफ हैं। यहां आए (एडवोकेट) कमीशन ने अपनी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। उन्हें एक इंच जगह पर भी आपत्ति नहीं हो सकती। वहां मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद रहेगी।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)






