
(फोटो सोर्स सोशल मिडिया)
लखीमपुर खीरी : उत्तर प्रदेश में इन दिनों जंगली जानवरों द्वारा इंसानों पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बहराइच में जहां आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचा रखा था, वहीं यहां के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से सटे गांवों में भी तेंदुओं के हमलों से लोग दहशत में जीने को मजूबर हैं। प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में भी जंगली जानवरों के हमलों से लोग खौफजदा है। ताजा मामले में यहां जंगली जानवरों के हमले की दो अलग-अलग घटनाओं में दो बच्चों की मौत हो गई।
वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को इन घटनाओं की जानकारी दी। पहली घटना दक्षिण खीरी वन प्रभाग के शारदानगर वन रेंज में हुई। यहां शनिवार शाम को 12 साल के बच्चे शाहजेब को संदिग्ध रूप से तेंदुआ उठा ले गया। शाहजेब लखीमपुर थाना क्षेत्र के गंगाबेहर गांव का रहने वाला था। घटना के वक्त वह अपने पिता के साथ खेत में था और उनकी साइकिल को धक्का दे रहा था।
मृतक बच्चे के पिता मुनव्वर से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार शाम को वे अपनी साइकिल पर खाद की बोरियां लेकर गन्ने के घने खेतों से होकर गांव जा रहे थे। इस दौरान उनका बेटा उनकी मदद करने के लिए साइकिल को धक्का दे रहा था। इसी दौरान खेत में ही छिपा तेंदुआ आ धमका और शाहजेब को खींच ले गया। पीड़ित पिता ने बताया कि काफी तलाश करने के बाद बच्चे का शव एक खेत में पड़ा मिला।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जानवर ने बच्चे को मार डाला और उसका शव शनिवार को ही रात में गांव से करीब 500 मीटर दूर एक गन्ने के खेत से बरामद किया गया। दक्षिण खीरी के प्रभागीय वनाधिकारी (DFO)संजय बिस्वाल ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है और जंगली जानवर की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि यह तेंदुआ हो सकता है।
जंगली जानवर के हमले की दूसरी घटना पधुवा थाना क्षेत्र के कुर्तैहा गांव में हुई। यहां जंगली जानवर के हमले में तीन साल की बच्ची रिजा बानो की मौत हो गई। शनिवार को उसका शव घाघरा नदी में उतराया पाया गया। यह गांव दुधवा बाघ अभयारण्य के बफर जोन में आता है। बच्ची की मां ने बताया कि शुक्रवार रात एक भेड़िया उनके घर में घुस आया और बच्ची को उससे छीनकर ले गया। इस घटना को लेकर दुधवा बाघ अभयारण्य के अधिकारियों ने संदेह जताते हुए कहा कि भेड़िए ने नहीं बल्कि तेंदुए ने बच्ची पर हमला किया है। दुधवा के क्षेत्र निदेशक ललित वर्मा के मुताबिक इस क्षेत्र में भेड़ियों की मौजूदगी की पहले कभी सूचना नहीं मिली थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






